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India Daily

'संविधान नहीं कहता किसी बीमार को लाखों का बिल थमा दो...', राहुल गांधी ने मंहगे इलाज के लिए किसे ठहराया जिम्मेदार?

बिहार में कांग्रेस सांसद और लोकसभा के नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने कहा कि देश की बड़ी कंपनियों और निजी अस्पतालों में दलित, आदिवासी और पिछड़े वर्गों की भागीदारी न के बराबर है. उन्होंने सवाल उठाया कि जब ये वर्ग देश की 90% आबादी हैं, तो फिर बड़े पदों और मालिकाना हकों पर इनकी मौजूदगी क्यों नहीं है.

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Edited By: Kuldeep Sharma
rahul gandhi
Courtesy: web

राहुल गांधी ने शुक्रवार को बिहार के मोतिहारी में जनता को संबोधित करते हुए सामाजिक और आर्थिक असमानता का मुद्दा उठाया है. उन्होंने कहा कि संविधान किसी बीमार व्यक्ति को लाखों का बिल थमाने की बात नहीं करता, बल्कि सरकार की जिम्मेदारी है कि उसे इलाज मिले.

राहुल गांधी ने कहा कि देश की 500 बड़ी कंपनियों में से कितनों के सीईओ दलित, आदिवासी या पिछड़े वर्ग से हैं? उन्होंने चुनौती दी कि कोई इनका आंकड़ा सामने रखे. उन्होंने कहा कि निजी अस्पतालों के मालिकों की सूची निकालकर देखी जाए तो पता चलेगा कि इनमें वंचित वर्गों का नाम मुश्किल से मिलेगा.

स्वास्थ्य सेवाओं पर भी दिया बयान

उन्होंने कहा कि इलाज का अधिकार हर नागरिक का है और इसे बाजार की वस्तु नहीं बनाया जा सकता. राहुल गांधी ने कहा 'सरकार की जिम्मेदारी है कि वह बीमार व्यक्ति का इलाज कराए, न कि उसे व्यापारियों के हवाले छोड़ दे.' उन्होंने जोर दिया कि समाज के 90% वर्ग की हिस्सेदारी सुनिश्चित करना ही सच्चा न्याय है.

पीएम पर साथा निशाना

राहुल गांधी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर तीखा हमला बोलते हुए कहा कि यदि वे लगातार यह आरोप लगा रहे हैं कि प्रधानमंत्री 'वोट चोर' हैं, तो आखिर वह खामोश क्यों हैं. राहुल ने तंज कसते हुए कहा कि प्रधानमंत्री एक शब्द नहीं बोल पा रहे, क्योंकि वह सच जानते हैं और समझते हैं कि हमने उन्हें रंगे हाथ पकड़ लिया है.