राहुल गांधी ने शुक्रवार को बिहार के मोतिहारी में जनता को संबोधित करते हुए सामाजिक और आर्थिक असमानता का मुद्दा उठाया है. उन्होंने कहा कि संविधान किसी बीमार व्यक्ति को लाखों का बिल थमाने की बात नहीं करता, बल्कि सरकार की जिम्मेदारी है कि उसे इलाज मिले.
राहुल गांधी ने कहा कि देश की 500 बड़ी कंपनियों में से कितनों के सीईओ दलित, आदिवासी या पिछड़े वर्ग से हैं? उन्होंने चुनौती दी कि कोई इनका आंकड़ा सामने रखे. उन्होंने कहा कि निजी अस्पतालों के मालिकों की सूची निकालकर देखी जाए तो पता चलेगा कि इनमें वंचित वर्गों का नाम मुश्किल से मिलेगा.
#WATCH | Motihari, Bihar: Congress MP and Lok Sabha LoP Rahul Gandhi says, "There are 500 major firms in India. I want to ask you, how many of those have a CEO from Dalit, Adivasi, or backwards class?... If a person fall ill and needs treatment, it is the duty of the government… pic.twitter.com/Vk4surlx0P
— ANI (@ANI) August 28, 2025
उन्होंने कहा कि इलाज का अधिकार हर नागरिक का है और इसे बाजार की वस्तु नहीं बनाया जा सकता. राहुल गांधी ने कहा 'सरकार की जिम्मेदारी है कि वह बीमार व्यक्ति का इलाज कराए, न कि उसे व्यापारियों के हवाले छोड़ दे.' उन्होंने जोर दिया कि समाज के 90% वर्ग की हिस्सेदारी सुनिश्चित करना ही सच्चा न्याय है.
राहुल गांधी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर तीखा हमला बोलते हुए कहा कि यदि वे लगातार यह आरोप लगा रहे हैं कि प्रधानमंत्री 'वोट चोर' हैं, तो आखिर वह खामोश क्यों हैं. राहुल ने तंज कसते हुए कहा कि प्रधानमंत्री एक शब्द नहीं बोल पा रहे, क्योंकि वह सच जानते हैं और समझते हैं कि हमने उन्हें रंगे हाथ पकड़ लिया है.
#WATCH मोतिहारी, बिहार: कांग्रेस सांसद और लोकसभा नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने कहा, "...अगर मैं प्रधानमंत्री पर रोज आरोप लगा रहा हूं कि तुम 'वोट चोर' हो तो प्रधानमंत्री चुप क्यों हैं? प्रधानमंत्री एक शब्द क्यों नहीं बोल रहा? 'क्योंकि प्रधानमंत्री वोट चोर है और वो जानता है कि हमने… pic.twitter.com/H8ldxGsrUl
— ANI_HindiNews (@AHindinews) August 28, 2025