menu-icon
India Daily

'वोट चोरी के बाद जमीन चोरी, राहुल गांधी ने महाराष्ट्र सरकार पर कसा तंज, अजीत पवार के लड़के पर हैं आरोप

वोट चोरी के मामले को लेकर महाराष्ट्र सरकार के खिलाफ लगातार हमलावर रहे कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने अब महाराष्ट्र सरकार पर जमीन चोरी का आरोप लगाया है और सरकार से तीखे सवाल पूछे हैं.

auth-image
Edited By: Kanhaiya Kumar Jha
Rahul Gandhi India Daily
Courtesy: X

नई दिल्ली: बीजेपी और चुनाव आयोग पर लगातार वोट चोरी का आरोप लगाने वाले कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने शुक्रवार को महाराष्ट्र सरकार पर जमीन चोरी का आरोप लगाया है. उपमुख्यमंत्री अजित पवार के बेटे पार्थ पवार से जुड़ी एक कंपनी के द्वारा कथित तौर पर पुणे के कोरेगांव पार्क इलाके में बिना उचित बकाया चुकाए सरकारी जमीन हासिल करने की खबर पर टिप्पणी देते हुए राहुल ने ये आरोप लगाए.

एक अंतरिम सरकारी रिपोर्ट का हवाला देते हुए, गांधी ने आरोप लगाया कि दलितों के लिए आरक्षित 1,800 करोड़ रुपये की जमीन सिर्फ 300 करोड़ रुपये में बेच दी गई, जबकि स्टांप शुल्क पूरी तरह से माफ कर दिया गया था. उन्होंने कहा कि इस मामले ने राज्य में बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार को उजागर किया है और दावा किया कि ये सरकार वोट चोरी के जरिए सत्ता में आई है.

'300 करोड़ में बेची गई 1800 करोड़ की जमीन'

एक्स पर किए गए एक पोस्ट में गांधी ने लिखा कि महाराष्ट्र में दलितों के लिए आरक्षित 1,800 करोड़ रुपये की सरकारी जमीन, मंत्री के बेटे की कंपनी को सिर्फ 300 करोड़ रुपये में बेच दी गई. ऊपर से, स्टाम्प शुल्क भी माफ कर दिया गया. मतलब यह न सिर्फ डकैती है, बल्कि चोरी पर कानूनी मुहर भी है.

'वोट चोरी से बनी सरकार ने की जमीन की चोरी' 

कांग्रेस सांसद ने आगे लिखा कि यह उस सरकार द्वारा की गई जमीन की चोरी है, जो खुद वोट की चोरी से बनी है. उन्हें पता है कि चाहे वे कितना भी लूट लें, वोट चुराकर ही सत्ता में वापस आएंगे. उन्होंने इस मुद्दे पर चुप्पी साधने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर भी निशाना साधा और आरोप लगाया कि केंद्र सरकार उन लोगों को बचा रही है जो दलितों और वंचितों के अधिकारों का हनन करते हैं.

उन्होंने पीएम से सवालिया लहजे में कहा कि न लोकतंत्र का, न जनता का, न दलितों के अधिकारों का. मोदी जी, आपकी चुप्पी बहुत कुछ कहती है - क्या आप इसलिए चुप हैं क्योंकि आपकी सरकार उन्हीं लुटेरों द्वारा समर्थित है जो दलितों और वंचितों के अधिकारों का हनन करते हैं?

क्या है पूरा मामला?

पुणे में पंजीकरण महानिरीक्षक की एक अंतरिम रिपोर्ट के अनुसार, कथित तौर पर 1,800 करोड़ रुपये की संपत्ति पार्थ पवार से जुड़ी एक कंपनी को केवल 300 करोड़ रुपये में बेची गई, जिसमें केवल 500 रुपये स्टांप शुल्क का भुगतान किया गया.

मीडिया रिपोर्ट में दावा किया गया है कि इस बिक्री में दलितों के लिए आरक्षित भूमि की मानक प्रक्रियाओं को दरकिनार किया गया और इससे राज्य को भारी वित्तीय नुकसान हुआ.

इस रिपोर्ट के बाद एक अधिकारी को निलंबित कर दिया गया है और महाराष्ट्र सरकार ने कथित अनियमितताओं की जांच के लिए एक उच्च-स्तरीय समिति का गठन किया है. समिति को आठ दिनों के भीतर अपनी अंतिम रिपोर्ट प्रस्तुत करने को कहा गया है.