menu-icon
India Daily
share--v1

SP-Congress Alliance: यूपी में बार-बार कांग्रेस के लिए संकटमोचक बन रहीं प्रियंका गांधी, दोनों लड़के कैसे आए साथ?

यूपी में सपा और कांग्रेस के बीच गठबंधन पर बात बन गई है. दावा है कि सीट शेयरिंग में प्रियंका गांधी ने अहम रोल अदा किया. प्रियंका ने यूपी के दोनों लड़कों को साथ लाया.

auth-image
India Daily Live
Priyanka Gandhi

SP-Congress Alliance: आगामी लोकसभा चुनाव से पहले यूपी में समाजवादी पार्टी और कांग्रेस के बीच सीटों पर बात बन गई है. लंबी खींचतान के बाद आखिरकार दोनों दलों के बीच सहमति बन गई. दोनों पार्टियों के बीच गठबंधन को लेकर लंबे समय से बात चल रही थी, लेकिन सीट शेयरिंग पर सहमति नहीं बन पा रही थी. दावा है कि सीट शेयरिंग में प्रियंका गांधी ने अहम रोल अदा किया. प्रियंका ने यूपी के दोनों लड़कों को साथ लाया.

सूत्रों ने बताया कि प्रियंका गांधी  ने गठबंधन की बातचीत शुरू की और फिर राहुल गांधी से चर्चा करने के बाद अखिलेश यादव से बात की. इसके बाज दोनों पार्टियों के बीच गठबंधन पर बात बनी. नतीजतन सपा ने कांग्रेस को 17 सीटें दे दीं. 

सीट शेयरिंग पर फंसी थी पेंच

इंडिया गठबंधन में कांग्रेस और सपा दोनों दल शामिल हैं, लेकिन पिछले कुछ दिनों से सीट शेयरिंग पर दोनों दल के बीच बात नहीं बन पा रही थी. पहले सपा ने कांग्रेस को 11 सीट देने का ऑफर दिया, जिसे कांग्रेस ने अस्वीकार कर दिया. बाद में 17 सीटों का ऑफर दिया गया. कांग्रेस मुरादाबाद सीट मांग रही थी. 2019 में मुरादाबाद से समाजवादी पार्टी जीती थी. इसी वजह से गठबंधन की बात पटरी से उतरने लगी थी. लेकिन प्रियंका गांधी के बीच में आने से बात बन गई. 

कांग्रेस को मिल सकती हैं ये सीटें

सपा-कांग्रेस गठबंधन में सीट शेयरिंग फॉर्मूले का औपचारिक ऐलान सपा प्रवक्ता राजेंद्र चौधरी और यूपी कांग्रेस के प्रभारी अविनाश पांडेय ने बुधवार लखनऊ में किया. कांग्रेस अमेठी, रायबरेली, बांसगांव, सीतापुर, अमरोहा, बुलंदशहर, गाजियाबाद, कानपुर, झांसी, बाराबंकी, प्रयागराज, वाराणसी, महाराजगंज, देवरिया, फतेहपुर सिकरी, सहारनपुर और मथुरा से चुनाव लड़ सकती है. 

2017 विधानसभा में आए थे साथ

बता दें कि सपा और कांग्रेस ने 2017 विधानसभा का चुनाव साथ मिलकर लड़ा था. तब राहुल- अखिलेश के लिए यूपी के लड़के का नारा दिया गया. 2017  में सपा-कांग्रेस के गठबंधन में भी प्रियंका का रोल अहम था. उस समय भी सीटों के बंटवारे पर बात नहीं बन पा रही थी. तब प्रियंका गांधी ने हस्तक्षेप किया और चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर को अखिलेश यादव से बातचीत के लिए भेजा था. बड़ी मुश्किल से कांग्रेस को 105 सीटें देने पर बात बनी थी.

सपा-क्रांग्रेस गठबंधन को चुनाव में बुरी तरह से हार मिली थी. 2019 के लोकसभा चुनाव में दोनों पार्टियां अलग हो गई थी. यूपी की 80 में से महज 5 सीटें ही समाजवादी पार्टी जीत सकी थी. कांग्रेस के खाते में महज एक सीट आई थी.