Partition Horrors Remembrance Day: भारत आज गुरुवार को विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस मना रहा है. इस अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 1947 के विभाजन के दौरान लाखों लोगों की झेली गई पीड़ा और उथल-पुथल को याद करते हुए इसे इतिहास का एक दुखद हिस्सा बताया है. प्रधानमंत्री ने कहा कि यह दिन न केवल उस नुक्सान का सामना करने वालों के साहस का सम्मान करने का अवसर है, बल्कि नई शुरुआत करने की उनकी ताकत को भी सलाम करने का दिन है. उन्होंने देशवासियों से सद्भाव और एकता को मजबूत करने का आह्वान किया.
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने विभाजन की त्रासदी को याद करते हुए कहा कि विभाजन के कारण हिंसा, शोषण और अत्याचार हुए, और लाखों लोगों को विस्थापन झेलना पड़ा. अमित शाह ने कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा, 'कांग्रेस पार्टी ने देश के टुकड़े-टुकड़े कर भारत माता के गौरव को ठेस पहुंचाई.' उन्होंने विभाजन में जान गंवाने वालों को भावभीनी श्रद्धांजलि दी और कहा कि देश इस दर्द को कभी नहीं भूलेगा.
भाजपा अध्यक्ष और केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जे.पी. नड्डा ने कहा कि 1947 का काला दिन हमें उस क्रूर घटना की याद दिलाता है, जब लाखों नागरिकों ने अपने घर, संपत्ति और प्रियजनों को खोया. उन्होंने प्रधानमंत्री मोदी के 2021 में इस दिवस की शुरुआत को राष्ट्र-निर्माण की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम बताया. नड्डा ने अपील की कि सभी नागरिक राष्ट्र-विरोधी ताकतों का मुकाबला करने और एकता को बनाए रखने का संकल्प लें.
14 अगस्त को भारत विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस के रूप में मनाता है. 1947 में ब्रिटिश शासन ने भारत का विभाजन कर पाकिस्तान को अलग मुस्लिम राष्ट्र के रूप में स्थापित किया था. इस दौरान लगभग दो करोड़ लोग विस्थापित हुए और सांप्रदायिक हिंसा में लाखों लोगों की जान गई थी. यह मानव इतिहास का सबसे बड़ा पलायन माना जाता है. लाखों परिवारों ने अपने पैतृक घर छोड़े और शरणार्थी बनकर नई जिंदगी शुरू की.
विभाजन के दर्द ने भारत की आत्मा को झकझोर दिया, लेकिन साथ ही एकजुट भारत की नींव भी मजबूत की. आज, स्वतंत्रता दिवस की पूर्व संध्या पर, यह दिन हमें याद दिलाता है कि स्वतंत्रता की मिठास के साथ-साथ हमें विभाजन के घाव भी याद रखने होंगे, ताकि ऐसी त्रासदी दोबारा न दोहराई जाए.