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सीमा के पास मौजूद अस्पताल में 1,000 डॉक्टरों की भेजने की तैयारी, दी जाएगी ट्रेनिंग

आरोग्य मैत्री क्यूब अस्पताल में एक एनेस्थीसिया किट, उच्च श्रेणी की सर्जिकल उपकरण और ऑपरेशन थिएटर (OT) जैसी सुविधाएँ मौजूद हैं.

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Edited By: Gyanendra Tiwari
Preparations to send 1000 doctors to the hospital near border Loc India Pakistan Tension
Courtesy: Social Media

भारत और पाकिस्तान के बीच बढ़ते तनाव के बीच, भारत सरकार ने सीमा क्षेत्रों में आपातकालीन चिकित्सा सेवाओं को प्रदान करने के लिए पोर्टेबल अस्पताल स्थापित करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है. इन अस्पतालों का उद्देश्य किसी भी प्रकार की आपातकालीन स्थिति, जैसे युद्ध या प्राकृतिक आपदाओं, के दौरान त्वरित चिकित्सा सहायता प्रदान करना है.

भारत ने स्वदेशी तकनीक से निर्मित एक पोर्टेबल आपदा अस्पताल तैयार किया है, जिसे "आरोग्य मैत्री क्यूब" कहा जाता है. यह अस्पताल विशेष रूप से सीमा क्षेत्रों में त्वरित चिकित्सा सेवाएं प्रदान करने के लिए डिज़ाइन किया गया है. इन क्यूब्स को हवाई जहाज द्वारा किसी भी स्थान पर आसानी से पहुँचाया जा सकता है, और ये क्यूब्स युद्धग्रस्त या आपदा प्रभावित क्षेत्रों में त्वरित उपचार प्रदान करने के लिए तैयार हैं.

भारत सरकार की BHISHM (भारत स्वास्थ्य पहल- सहियोग हित और मैत्री) परियोजना के तहत ये क्यूब्स बनाए गए हैं. प्रत्येक क्यूब में ऑपरेशन थिएटर, मिनी-आईसीयू, वेंटिलेटर, रक्त परीक्षण उपकरण, एक्स-रे मशीन, खाना पकाने की सुविधा, पानी, बिजली जनरेटर और अन्य कई सुविधाएँ शामिल हैं. इस परियोजना के तहत अब तक 30 से 40 क्यूब्स को सीमा क्षेत्रों में विभिन्न संस्थानों में भेजा जा चुका है.

डॉ. तन्मय रॉय, जो BHISHM कार्यबल के प्रमुख थे, ने बताया कि इन क्यूब्स को भारतीय स्वास्थ्य मंत्रालय के निर्देशानुसार सीमा क्षेत्रों में तैनात किया जा रहा है. इन क्यूब्स का निर्माण HLL Lifecare द्वारा किया जा रहा है, जो एक मिनिरत्न कंपनी है और स्वास्थ्य मंत्रालय के अधीन कार्य करती है.

अहम संस्थानों में क्यूब्स की तैनाती

अब तक, भारत के कई प्रमुख चिकित्सा संस्थानों में इन पोर्टेबल अस्पतालों की आपूर्ति की जा चुकी है. इनमें जम्मू के विजयपुर में स्थित अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (AIIMS), श्रीनगर में स्थित शेर-ए-कश्मीर इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेस (SKIMS), और जम्मू के सरकारी मेडिकल कॉलेज (GMC) शामिल हैं. इसके अलावा, हिमाचल प्रदेश के AIIMS बिलासपुर, उत्तराखंड के AIIMS ऋषिकेश, राजस्थान के AIIMS जोधपुर, पंजाब के AIIMS बठिंडा, और पुदुचेरी के जवाहरलाल इंस्टीट्यूट ऑफ पोस्टग्रेजुएट मेडिकल एजुकेशन एंड रिसर्च (JIPMER) जैसे संस्थानों को भी क्यूब्स प्राप्त हो चुके हैं.

1,000 से अधिक डॉक्टरों का प्रशिक्षण

इन पोर्टेबल अस्पतालों का संचालन करने के लिए, सरकार ने 1,000 से अधिक डॉक्टरों और पैरामेडिकल स्टाफ को विशेष प्रशिक्षण दिया है. इस प्रशिक्षण में डॉक्टरों को युद्ध से संबंधित चोटों, जैसे कि गोलियों के घाव, विस्फोटों के प्रभाव, हड्डियों की फ्रैक्चर, और भारी रक्तस्राव जैसी स्थितियों को संभालने के लिए तैयार किया जा रहा है.

ऑपरेशन थिएटर में पांच सदस्यीय सर्जिकल टीम के लिए एक तह-सा मेज है, साथ ही वेंटिलेटर, एनेस्थीसिया उपकरण, और अन्य आवश्यक चिकित्सा उपकरण भी उपलब्ध हैं.

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