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"राहुल पर आग बबूला हो गए थे प्रणब मुखर्जी", बेटी शर्मिष्ठा ने बुक लॉन्चिंग में किए बड़े खुलासे

Pranab Mukherjee: भारत के पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी की बेटी शर्मिष्ठा मुखर्जी ने अपनी नई किताब  "Pranab My Father: A Daughter Remembers" में राहुल गांधी और उनके पिता के बीच के संबंधों के बारे में जिक्र किया है.

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Gyanendra Tiwari

हाइलाइट्स

  • शर्मिष्ठा मुखर्जी की बुक हुई लॉन्च
  • किताब में कैद हैं पिता के राजनीतिक किस्से

Pranab Mukherjee: भारत के पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी की बेटी शर्मिष्ठा मुखर्जी ने अपनी नई किताब  "Pranab My Father: A Daughter Remembers" में राहुल गांधी और उनके पिता के बीच के संबंधों के बारे में जिक्र किया है. उन्होंने  बताया कि राहुल गांधी ने सितंबर 2013 में प्रेस क्रांफ्रेस संसद में उनकी सरकार द्वारा प्रस्तावित अध्यादेश की प्रति फाड़ दी थी. लेकिन उनके पिता जो बिल के खिलाफ थे वो चाहते थे कि अध्यादेश के बारे में संसद में चर्चा होनी चाहिए. 

बात जानकर गुस्सा हुए थे प्रणब

सोमवार को अपनी किताब की लॉन्चिंग के दौरान उन्होंने कहा कि मैं अकेली थी जिसने प्रणव को राहुल गांधी द्वारा फाडे़ गए अध्यादेश की प्रति के बारे में बताया था. वो इस बात को जानकर बहुत गुस्सा हुए थे. 

उन्होंने कहा कि इस बात से कोई भी सहमत होगा कि राहुल गांधी द्वारा अध्यादेश की प्रति फाड़ी जाना अहंकारी और राजनीतिक रूप से परिपक्व नहीं था. सैद्धांतिक रूप से मेरे पिता भी उस बिल के खिलाफ थे. लेकिन उन्होंने कहा कि राहुल यह करने के लिए कौन होते हैं? यहां तक कि वो कैबिनेट के भी सदस्य नहीं हैं. 

प्रणब भी अध्यादेश के खिलाफ थे

अप्रैल 2013 में सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि किसी भी सांसद या विधायक को दो साल की सजा होने पर उन्हें तत्काल प्रभाव से अपील के लिए 3 महीने का समय दिए बगैर उनके पद से निष्कासित कर देना चाहिए. उस समय तक ऐसा ही होता आ रहा था. उसी साल सत्ता में बैठी कांग्रेस ने दोषी सांसदों और विधायकों के खिलाफ कार्रवाई किए जाने वाले नियम को बदलने के लिए एक प्रस्ताव लेकर आई थी. राहुल गांधी खुले रूप में अपने पार्टी के खिलाफ जाकर उस प्रस्ताव का विरोध करते हुए पूर्ण रूप से बकवास बताया था. और फिर उन्होंने प्रेस कॉन्फ्रेंस में आश्चर्यचकित कदम उठाते हुए उस कानून के अध्यादेश की प्रति को फाड़ दिया था. 

 

जन्म जयंती पर लॉन्च की गई किताब

शर्मिष्ठा ने आगे कहा कि उस समय प्रणब मुखर्जी को लगा था कि राहुल गांधी में कुछ कर गुजरने की कमी है साथ ही साथ वह पार्टी से बहुत दूर रहते हैं. 

प्रणब मुखर्जी के राजनीतिक जीवन काल में प्रभाव डालने वाली किताब "प्रणव माय फादर:  अ डाटर रिमेंबर्स" को उनके जन्म जयंती यानी 11 दिसंबर को लॉन्च की गई. बुक लॉन्चिंग में कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पी चिदंबरम और भारतीय जनता पार्टी के नेता विजय गोयल मौजूद थे. 


शर्मिष्ठा ने पिता के स्वर्णि काल के बारे में बताया

 

शर्मिष्ठा मुखर्जी ने कहा कि उनके पिता कहा करते थे कि इंदिरा गांधी के साथ काम करना उनके राजनीतिक जीवन का स्वर्णिम काल था. उन्होंने कहा कि उनके पिता ने कहा था कि व्यक्तिगत रूप से और कांग्रेस के समर्थक के रूप में हमें यह सोचना चाहिए कि उस समय की स्थिति और परिस्थिति को समझते हुए  आपातकाल का फैसला लिया गया था. वो इंदिरा ही थी जिन्होंने बाद में निष्पक्ष चुनाव कराया था, जिसके बाद कांग्रेस को हार का सामना करना पड़ा था. 

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