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India Daily

'अंग्रेजों ने बंगाल से देश को बांटना शुरू किया तो...', पीएम मोदी ने लोकसभा में वंदे मातरम पर चर्चा करते हुए कही ये बात

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लोकसभा में वंदे मातरम पर चर्चा शुरू करते हुए याद किया कि कैसे जब अंग्रेजों ने बांटो और राज करो की नीति शुरू की, तो यह राष्ट्रगीत एकता की आवाज बन गया.

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Edited By: Km Jaya
PM Narendra Modi in Lok Sabha India daily
Courtesy: @PTI_News X account

नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लोकसभा में वंदे मातरम पर विशेष चर्चा की शुरुआत करते हुए कहा कि ब्रिटिश हुकूमत ने देश को कमजोर करने की शुरुआत बंगाल से की थी. पीएम मोदी ने बताया कि 150 साल पहले लिखे गए इस राष्ट्रीय गीत ने भारत में एकजुटता की ऐसी लहर पैदा की कि अंग्रेजों की 'डिवाइड एंड रूल' नीति को गहरी चुनौती मिली. उन्होंने कहा कि ब्रिटिश शासन ने 1857 के बाद समझ लिया था कि भारत को सीधे नियंत्रित रखना अब मुश्किल होगा.

इसी कारण उन्होंने लोगों को जाति, भाषा और क्षेत्रों के आधार पर बांटने की रणनीति अपनाई और इसका पहला प्रयोग बंगाल में किया. पीएम मोदी ने कहा कि उसी समय वंदे मातरम बंगाल से उठकर पूरे देश में गूंजा और लोगों को एकजुट करने वाला नारा बन गया. उन्होंने बताया कि अंग्रेज वंदे मातरम से इतना घबरा गए थे कि उन्होंने इसे गाने और छापने पर पाबंदी लगा दी. 

पीएम मोदी ने आगे क्या कहा?

उन्होंने कहा कि उस दौर में जब ब्रिटिश सरकार भारतीयों पर 'गॉड सेव द क्वीन' थोपने की कोशिश कर रही थी, तब वंदे मातरम स्वतंत्रता का आध्यात्मिक और राष्ट्रीय संकल्प बन गया था. प्रधानमंत्री ने कहा कि यह गीत केवल राजनीतिक स्वतंत्रता का मंत्र नहीं था, बल्कि मातृभूमि को औपनिवेशिक मानसिकता से मुक्त कराने का पुकार बन चुका था. 

कांग्रेस पर निशाना साधते हुए क्या कहा?

प्रधानमंत्री मोदी ने वंदे मातरम के 100 साल पूरे होने के अवसर पर लगे इमरजेंसी के दौर को भी याद किया और कहा कि वह समय भारतीय लोकतंत्र के लिए अत्यंत कष्टदायक था. उन्होंने कहा कि जब यह गीत शताब्दी वर्ष में प्रवेश कर रहा था, तब देश में अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता घुट रही थी. उन्होंने कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा कि लोकतांत्रिक मूल्यों का सबसे ज्यादा अपमान उसी दौर में हुआ.

संसद में इस विशेष सत्र के लिए कुल 10 घंटे निर्धारित किए गए हैं, जिसमें दोनों सदनों में वंदे मातरम पर चर्चा होगी. विपक्ष की ओर से यह चर्चा प्रियंका गांधी वाड्रा लीड करेंगी. प्रधानमंत्री ने कहा कि यह अवसर सिर्फ ऐतिहासिक यादों के लिए नहीं है, बल्कि यह यह सोचने का भी समय है कि वंदे मातरम की भावना आज के भारत में एकता, राष्ट्रभक्ति और आत्मनिर्भरता के लिए किस तरह प्रेरक बन सकती है.