नई दिल्ली: संसद के शीतकालीन सत्र में ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने विपक्ष पर तीखा हमला बोला और कहा कि विपक्ष को पराजय की हताशा से बाहर निकलें. उन्होंने कहा कि यह सत्र देश के महत्वपूर्ण मुद्दों पर केंद्रित होना चाहिए और विपक्ष को भी अपने दायित्व का पालन करना चाहिए. पीएम मोदी ने कहा कि कुछ दल ऐसे हैं जो अपनी हार को अभी तक स्वीकार नहीं कर पा रहे हैं.
अपने संबोधन में पीएम मोदी ने कहा कि चर्चा में सार्थक मुद्दे उठने चाहिए क्योंकि संसद में ड्रामा नहीं, बल्कि डिलीवरी चाहिए. प्रधानमंत्री ने कहा कि जन प्रतिनिधियों का दायित्व है कि वे जनता द्वारा सौंपे गए कार्यों को समझें और जिम्मेदारी से देश के लिए काम करें. उन्होंने विपक्ष से आग्रह किया कि वे मुद्दों पर गंभीरता से चर्चा करें और देशहित को प्राथमिकता दें.
"Drama nahi, Delivery; Nara nahi, Neeti chalegi," PM Modi's stern message to opposition ahead of Parliament
— ANI Digital (@ani_digital) December 1, 2025
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सरकार इस सत्र में 14 महत्वपूर्ण विधेयक पेश कर सकती है. इन विधेयकों में आर्थिक, सामाजिक और प्रशासनिक सुधारों से जुड़े बिल शामिल होने की संभावना है. सरकार कई अहम नीतिगत बदलावों को आगे बढ़ाने की तैयारी कर रही है. आज संसद में जो विधेयक पेश होने वाले हैं उनका सीधा संबंध उन वस्तुओं से है जिन पर अभी जीएसटी क्षतिपूर्ति सेस लगाया जाता है.
इनमें सिगरेट, तंबाकू और पान मसाला जैसी चीजें शामिल हैं. पहला विधेयक केंद्रीय उत्पाद शुल्क संशोधन विधेयक 2025 है, जिसके तहत सरकार केंद्रीय उत्पाद शुल्क अधिनियम 1944 में संशोधन कर इन उत्पादों पर क्षतिपूर्ति सेस खत्म होने के बाद भी एक्साइज ड्यूटी लगाकर राजस्व बनाए रख सकेगी.
उधर, विपक्ष की ओर से विशेष गहन पुनरीक्षण यानी SIR का मुद्दा उठाए जाने की संभावना है. यह मुद्दा पहले से ही राजनीतिक तनाव का कारण बना हुआ है और सत्र की गर्माहट बढ़ा सकता है. विपक्ष इस मामले पर सरकार को घेरने की कोशिश कर सकता है. सत्र के दौरान यह देखा जाएगा कि विपक्ष और सत्ता पक्ष किस तरह से इस बहस को आगे बढ़ाते हैं. सत्र के दौरान यह देखा जाएगा कि विपक्ष और सत्ता पक्ष किस तरह से इस बहस को आगे बढ़ाते हैं. शीतकालीन सत्र के शुरू होते ही राजनीतिक माहौल गरमाना तय माना जा रहा है.