BRICS Summit: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जुलाई 2025 में एक बड़े अंतरराष्ट्रीय दौरे पर जाएंगे, जहां वो पांच देशों का दौरा करेंगे. यह दौरा दुनिया के अलग-अलग हिस्सों के साथ भारत की मित्रता और साझेदारी को बेहतर बनाने में मदद करेंगे. इस दौरे के हर पड़ाव की जानकारी हम आपको यहां दे रहे हैं. बता दें कि पीएम मोदी ब्राजील में ब्रिक्स समिट में शामिल होने जा रहे हैं.
पहला पड़ाव: घाना (2-3 जुलाई)- पीएम मोदी अपने दौरे की शुरुआत दो दिनों के लिए घाना जाकर करेंगे. यह उनकी पहली यात्रा होगी और 30 से अधिक वर्षों में पहली बार कोई भारतीय प्रधानमंत्री घाना जाएगा. वे घाना के राष्ट्रपति से मिलेंगे और व्यापार, ऊर्जा, रक्षा और विकास जैसे क्षेत्रों में एक साथ काम करने के तरीकों पर बात करेंगे. वे ECOWAS और अफ्रीकी संघ जैसे अफ्रीकी समूहों के साथ मजबूत संबंध भी बनाना चाहते हैं.
दूसरा पड़ाव: त्रिनिदाद और टोबैगो (3-4 जुलाई)- इसके बाद, पीएम मोदी त्रिनिदाद और टोबैगो जाएंगे. यह इस देश का उनका पहला दौरा भी है. वे राष्ट्रपति क्रिस्टीन कार्ला कंगालू और प्रधानमंत्री कमला प्रसाद-बिसेसर से मिलेंगे. वह उनकी संसद में भी बोल सकते हैं. इसका लक्ष्य दोनों देशों के बीच पुराने और सांस्कृतिक संबंधों को और मजबूत बनाना है.
तीसरा पड़ाव: अर्जेंटीना (4-5 जुलाई)- इसके बाद, वह राष्ट्रपति जेवियर माइली से मिलने अर्जेंटीना जाएंगे. वे कृषि, खनन, तेल, ऊर्जा और व्यापार जैसे क्षेत्रों में साथ मिलकर काम करने पर चर्चा करेंगे. दोनों नेता भारत और अर्जेंटीना के बीच रणनीतिक साझेदारी को बढ़ाना चाहते हैं.
चौथा पड़ाव: ब्राजील (5-8 जुलाई)- पीएम मोदी रियो डी जेनेरियो में ब्रिक्स शिखर सम्मेलन में हिस्सा लेने के लिए ब्राजील जाएंगे. यह ब्राजील की उनकी चौथी यात्रा होगी. शिखर सम्मेलन में विश्व के नेता वैश्विक शांति, जलवायु परिवर्तन, एआई के उपयोग, स्वास्थ्य और वित्तीय सहयोग जैसे महत्वपूर्ण विषयों पर बात करेंगे. मोदी रक्षा, व्यापार, प्रौद्योगिकी और कृषि में संबंधों को मजबूत करने के लिए राष्ट्रपति लुइज़ इनासियो लूला दा सिल्वा से भी मिलेंगे.
अंतिम पड़ाव: नामीबिया (9 जुलाई)- यात्रा का अंतिम पड़ाव नामीबिया होगा, जहाँ प्रधानमंत्री मोदी राष्ट्रपति नेटुम्बो नंदी-नदैतवा से मिलेंगे. वह नामीबिया के पहले नेता डॉ. सैम नुजोमा को श्रद्धांजलि भी देंगे और नामीबिया की संसद में बोलेंगे. यह यात्रा नामीबिया के साथ भारत की मधुर और ऐतिहासिक मित्रता को बढ़ावा देगी.