अहमदाबाद की धरती से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देशवासियों को यह संदेश दिया कि जब-जब भारत ने श्रीकृष्ण और महात्मा गांधी के आदर्शों को अपनाया है, तब-तब राष्ट्र नई शक्ति और प्रेरणा से भरा है. पीएम मोदी ने कहा कि भगवान श्रीकृष्ण ने सुदर्शन चक्र से देश और समाज की रक्षा का संदेश दिया, जबकि महात्मा गांधी ने चरखे से आत्मनिर्भरता और सत्याग्रह का मार्ग दिखाया. आज भारत उन्हीं रास्तों पर आगे बढ़कर पूरी दुनिया को अपने निर्णयों से प्रभावित कर रहा है.
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि गुजरात की यह धरती दो 'मोहन' की तपोभूमि रही है. एक हैं द्वारकाधीश भगवान श्रीकृष्ण, जिन्होंने सुदर्शन चक्र को धर्म और न्याय की रक्षा का साधन बनाया. वहीं दूसरी ओर महात्मा गांधी, जिन्होंने साबरमती आश्रम से चरखे को आत्मनिर्भरता और स्वाभिमान का प्रतीक बनाया. उन्होंने कहा कि श्रीकृष्ण ने दिखाया कि अन्याय और अत्याचार का सामना करने के लिए शक्ति जरूरी है, जबकि बापू ने सत्य और अहिंसा से सामाजिक क्रांति का मार्ग प्रशस्त किया.
पीएम मोदी ने कहा कि श्रीकृष्ण का सन्देश केवल धर्म की रक्षा तक सीमित नहीं था, बल्कि वह समाज को सजग और साहसी बनाने का भी था. उन्होंने कहा कि जिस तरह सुदर्शन चक्र अत्याचारियों को दंड देने का प्रतीक है, उसी प्रकार आज का भारत भी अपने फैसलों से शत्रुओं और अन्याय के विरुद्ध खड़ा है. यह वही भाव है जो श्रीकृष्ण ने गीता में अर्जुन को दिया था और आज वही भाव भारत की नीतियों और कार्यों में दिखाई देता है.
#WATCH | Ahmedabad, Gujarat: Prime Minister Narendra Modi says, "This land of Gujarat is the land of two Mohans. One is Sudarshan Chakradhari Mohan, our Dwarkadish Shri Krishna and the other, Charkhadhari Mohan, Sabarmati's saint Pujya Bapu (Mahatma Gandhi). India is continuously… pic.twitter.com/RmYitLMrI9
— ANI (@ANI) August 25, 2025
प्रधानमंत्री ने महात्मा गांधी का स्मरण करते हुए कहा कि बापू ने हमें सिखाया कि आत्मनिर्भरता ही सच्ची स्वतंत्रता है. उन्होंने चरखे को साधारण उपकरण नहीं, बल्कि आर्थिक स्वतंत्रता का सबसे बड़ा प्रतीक बना दिया. पीएम मोदी ने कहा कि आज भारत ‘आत्मनिर्भर भारत’ के लक्ष्य की ओर तेजी से बढ़ रहा है और यह गांधीजी के दिखाए रास्ते का ही परिणाम है. उन्होंने जो सत्य, अहिंसा और आत्मबल का संदेश दिया, वह आज भी उतना ही प्रासंगिक है जितना स्वतंत्रता संग्राम के समय था.
पीएम मोदी ने कहा कि आज पूरी दुनिया भारत के निर्णयों को गौर से देख रही है. भारत की आवाज अब वैश्विक स्तर पर सुनी और मानी जा रही है. यह सब श्रीकृष्ण के साहस और गांधीजी के सत्याग्रह दोनों का परिणाम है. उन्होंने कहा कि भारत की शक्ति सिर्फ उसकी सेना और अर्थव्यवस्था में नहीं, बल्कि उसके मूल्यों और संस्कारों में है. जब राष्ट्र इन दोनों महान 'मोहन' के आदर्शों पर चलेगा, तब भारत केवल मजबूत ही नहीं, बल्कि पूरी दुनिया का मार्गदर्शक बनेगा.