PM Modi On Congress: लोकसभा चुनाव के बीच राजनीतिक गलियारों में सियासी बयानबाजी का दौर अपने चरम पर है. इसी फेहरिस्त में बुधवार को पीएम मोदी ने एक बार फिर कांग्रेस पर जमकर हमला बोला है, हालांकि ये हमला पिछली आलोचनाओं से अलग है और इसका असर सिर्फ कांग्रेस पर ही नहीं बल्कि देश की सबसे बड़ी बीमा कंपनी LIC पर भी देखने को मिल सकता है.
दरअसल पीएम मोदी ने छत्तीसगढ़ की एक चुनावी रैली को संबोधित करते हुए विरासत में मिली पैतृक संपत्ति पर टैक्स लगाने के मुद्दे को लेकर कांग्रेस पर हमला बोला. कांग्रेस की ओर से यह टिप्पणी सैम पित्रोदा ने की थी. पीएम मोदी ने इसी को आधार बनाते हुए कहा कि कांग्रेस की लूट जिंदगी के साथ भी, जिंदगी के बाद भी. अब सवाल यह उठता है कि पीएम मोदी की यह टिप्पणी LIC को कैसे प्रभावित कर सकती है.
उल्लेखनीय है कि LIC ने अपनी एक पॉलिसी जीवन आनंद के प्रचार के लिए जो टैगलाइन इस्तेमाल की थी वो भी पीएम मोदी के इस बयान की तरह थी. LIC ने जीवन आनंद के प्रचार के लिए लिखा था कि 'जिंदगी के साथ भी, जिंदगी के बाद भी-जीवन आनदं' तो वहीं पीएम मोदी ने इसी टैगलाइन का इस्तेमाल कांग्रेस की लूट से जोड़ते हुए कर दिया है.
पीएम मोदी की स्पीच कितनी ताकतवर है ये 4 जून को आने वाले नतीजे बयान करेंगे पर हमने ब्रॉन्ड्स को लेकर उनके प्रभाव को पहले भी देखा है फिर चाहे वो वोकल फॉर लोकल हो, मालदीव का टूरिज्म हो या फिर मेक इन इंडिया वाली पहल हो, ऐसे में LIC की टैगलाइन का इस्तेमाल कांग्रेस की लूट के साथ इस्तेमाल करने पर उसके शेयर्स पर नेगेटिव इफेक्ट भी डाल सकता है.
इस चुनावी रैली को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि देश की सबसे पुरानी पार्टी लोगों के बच्चों के अधिकार छीनना चाहती है. शाही परिवार के शहजादे ने कुछ समय पहले कहा था कि मीडियम क्लास पर ज्यादा टैक्स लगाना चाहिए. अब ये लोग इसी दिशा में एक कदम आगे बढ़ गए हैं. अब कांग्रेस कहती है कि वो विरासत में मिली पैतृक संपत्ति पर टैक्स लगाने वाला नियम लेकर आएंगे जो कि माता-पिता से मिली विरासत पर भी टैक्स लगाएगा.
उन्होंने कहा, 'आपने अपनी मेहनत से जो संपत्ति जमा की है, वह आपके बच्चों को नहीं दी जाएगी. कांग्रेस के पंजे आपसे वह छीन लेंगे. कांग्रेस का मंत्र है, 'कांग्रेस की लूट जिंदगी के साथ भी, जिंदगी के बाद भी'. ऐसे लोग जिन्होंने कांग्रेस पार्टी को पैतृक संपत्ति माना और अपने बच्चों को दे दी, वे नहीं चाहते कि एक सामान्य भारतीय अपनी संपत्ति अपने बच्चों को दे.
गौरतलब है कि सैम पित्रोदा ने अमेरिका में प्रचलित विरासत कर पर चर्चा करते हुए कहा था कि अमेरिका में एक विरासत टैक्स है. यदि किसी के पास 100 मिलियन अमरीकी डॉलर की संपत्ति है और जब वह मर जाता है तो वह केवल 45 प्रतिशत अपने बच्चों को ट्रांसफर कर सकता है, 55 प्रतिशत सरकार द्वारा हड़प लिया जाता है. यह एक दिलचस्प कानून है. उन्होंने आगे कहा था कि आपने अपनी पीढ़ी में संपत्ति बनाई और अब जा रहे हैं, आपको अपनी संपत्ति जनता के लिए छोड़नी चाहिए, पूरी नहीं, आधी, जो मुझे उचित लगती है.