नई दिल्ली: इंडियन एक्सप्रेस ग्रुप के प्रतिष्ठित रामनाथ गोयंका स्मृति व्याख्यान में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक बार फिर देश की राजनीतिक संस्कृति पर तीखा प्रहार किया. अपने लगभग एक घंटे के संबोधन में पीएम मोदी ने ‘गुलामी की मानसिकता’ को लेकर कांग्रेस पर जमकर हमला बोला और कहा कि कुछ राजनीतिक दल और नेता सदियों से सामाजिक न्याय के नाम पर सिर्फ अपने परिवार और वोटबैंक की राजनीति करते आए हैं.
प्रधानमंत्री ने बिना नाम लिए कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा कि पहले की सरकारों ने ‘अर्बन नक्सलियों’ को देश के बड़े-बड़े पद सौंपे. उन्होंने तंज कसते हुए कहा कि आज भी एक “मुस्लिम लीगी-माओवादी कांग्रेस” राष्ट्रीय हितों को दरकिनार करके अपनी पुरानी नीतियों पर चल रही है. पीएम ने यह भी कहा कि भारत अब सिर्फ एक उभरता हुआ बाजार नहीं है, बल्कि दुनिया के लिए एक मॉडल बन चुका है.
हॉल में मौजूद दर्शकों में कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और थिरुवनंतपुरम से सांसद शशि थरूर भी शामिल थे. भाषण खत्म होने के बाद थरूर ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स (पूर्व ट्विटर) पर पीएम मोदी के कुछ अंश साझा करते हुए उनकी खुलकर प्रशंसा की. थरूर ने लिखा, “प्रधानमंत्री ने गुलामी की मानसिकता से बाहर निकलने और रचनात्मक भारत के निर्माण पर बहुत जोर दिया. यह सुनकर अच्छा लगा.”
थरूर ने पीएम के उस बयान को भी उद्धृत किया जिसमें मोदी ने कहा था कि लोग उन पर आरोप लगाते हैं कि वे हमेशा चुनावी मोड में रहते हैं, जबकि हकीकत यह है कि वे जनता की समस्याओं को लेकर “भावनात्मक मोड” में रहते हैं. थरूर ने इस अंश को शेयर करते हुए लिखा, “यह बात भी सही कही प्रधानमंत्री ने.”
थरूर ने अपने पोस्ट में कहा, "प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि उन पर हर समय "चुनावी मोड" में रहने का आरोप लगाया गया है, लेकिन वास्तव में वह लोगों की समस्याओं के निवारण के लिए "भावनात्मक मोड" में थे." प्रधानमंत्री मोदी का यह भाषण सत्तारूढ़ एनडीए, जिसका एक प्रमुख घटक भाजपा है, द्वारा बिहार चुनावों में 243 विधानसभा सीटों में से 202 पर जीत हासिल करने के कुछ दिनों बाद आया है. हालाँकि, शशि थरूर की कांग्रेस पार्टी को भारी हार का सामना करना पड़ा, जहाँ उसने 61 सीटों पर उम्मीदवार उतारे थे लेकिन वह केवल छह सीटों पर ही जीत पाई.