मुंबई: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को मुंबई में ग्लोबल मैरीटाइम सीईओ फोरम में शिरकत की. इस दौरान उन्होंने अपने संबोधन में कहा कि वैश्विक तनावों, व्यापार बाधाओं और बदलती आपूर्ति श्रृंखलाओं के बीच, भारत रणनीतिक स्वायत्तता, शांति और समावेशी विकास का प्रतीक बना हुआ है.
उन्होंने कहा कि भारत की समुद्री ताकत और बढ़ती वैश्विक साझेदारियों ने देश को अनिश्चित समय में एक विश्वसनीय और स्थिर शक्ति के रूप में स्थापित किया है.
वैश्विक व्यापार में भारत की बढ़ती भूमिका पर प्रकाश डालते हुए, मोदी ने कहा कि जब वैश्विक समुद्र अशांत होते हैं, तो दुनिया एक स्थिर प्रकाश स्तंभ की तलाश करती है. भारत वह स्थिर प्रकाश स्तंभ बन सकता है. उन्होंने कहा कि भारत का समुद्री क्षेत्र मजबूत स्थिति में है और तेजी से प्रगति कर रहा है.
उन्होंने इसे देश के विकास के प्रमुख चालकों में से एक बताया. उन्होंने कहा कि 'भारत का समुद्री क्षेत्र बहुत मजबूत स्थिति में है और बहुत तेजी से आगे बढ़ रहा है.'
पिछले एक दशक में इस क्षेत्र में हुए बदलाव पर प्रकाश डालते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत के बंदरगाहों और व्यापार बुनियादी ढांचे में उल्लेखनीय सुधार हुए हैं। उन्होंने कहा कि समुद्री क्षेत्र भारत के विकास को गति दे रहा है। पिछले एक दशक में, इसमें उल्लेखनीय परिवर्तन हुए हैं और व्यापार तथा बंदरगाह बुनियादी ढांचे को बढ़ावा मिला है।
मोदी ने यह भी कहा कि सरकार ने इस क्षेत्र को मजबूत करने और इसके कानूनी ढांचे को आधुनिक बनाने के लिए सुधार शुरू किए हैं। उन्होंने कहा कि हमने एक सदी से भी ज्यादा पुराने औपनिवेशिक शिपिंग कानूनों को 21वीं सदी के अनुकूल आधुनिक, भविष्योन्मुखी कानूनों से बदल दिया है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आगे कहा कि भारत के बंदरगाह अब विकासशील देशों में सबसे कुशल बंदरगाहों में गिने जाते हैं। उन्होंने आगे कहा कि कई मायनों में, ये विकसित देशों के बंदरगाहों से भी बेहतर प्रदर्शन कर रहे हैं।