कोलकाता में ट्रेन डॉक्टर की हत्या से पहले रेप में कई लोगों के शामिल होने की आशंका है. ऑल इंडिया गवर्नमेंट डॉक्टर एसोसिएशन के एडिशनल सेक्रेटरी डॉक्टर सुवर्ण गोस्वामी ने पोस्टमार्टम रिपोर्ट के हवाले से ये दावा किया है.हालांकि कोलकाता पुलिस ने सिर्फ एक आरोपी को गिरफ्तार किया है.CBI इस पूरे मामले की जांच कर रही है. इसी कड़ी में सीबीआई ने पीड़ित परिवार से बातचीत की है. परिवार ने अस्पताल के कुछ इंटर्न और डॉक्टर पर इस केस में शामिल होने का शक जताया है. वहीं जांच एजेंसी ने अस्पताल के पूर्व प्रिंसिपल संदीप घोष को भी हिरासत में ले लिया है.
इंडियन मेडिकल एसोसिएशन ने लेडी डाक्टर के साथ ही हुई घटना को देखते हुए शनिवार यानी आज पूरे देशभर में हड़ताल का ऐलान किया है. जिसके चलते देश भर के अस्पतालों में लोगों को मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है, वहीं दूसरी ओर इस घटना का विरोध न्यूयॉर्क शहर के टाइम्स स्क्वायर से लेकर कनाडा और ब्रिटेन से लेकर जर्मनी में विरोध में भी शुरू हो गया है.
14 अगस्त को टाइम्स स्क्वायर पर आधी रात को हुए विरोध प्रदर्शन में भाग लेने वाले सायंतन दास ने कहा कि बंगाल में छात्रों और महिलाओं के साथ एकजुटता दिखाने के लिए करीब 50 लोग इस प्रदर्शन में शामिल हुए थे. दास ने कहा, 'न्यूयार्क के कुछ वैज्ञानिकों और शोधकर्ताओं ने विरोध प्रदर्शन का आयोजन किया था. था जिसमें हम शामिल हुए लेकिन हमें नहीं पता था कि इतनी बड़ी संख्या में यहां रह रहे भारतीय समेत बाकि लोग भी इस प्रदर्शन में आकर हमारा समर्थन करेंगे'.
खबरों के मुताबिक कल यानी रविवार को लॉस एंजिल्स के भारतीय हॉलीवुड साइनेज के सामने करीब सुबह 11 बजे फिर से विरोध प्रदर्शन किया जाएगा. यहां रह रहीं कोलकाता की एक टीचर बबली चक्रवर्ती ने कहा, 'करीब 250 भारतीयों के इस विरोध प्रदर्शन में शामिल होने की उम्मीद की जा रही है. अपनी आवाज उठाना बहुत जरूरी है'.
वहीं इस रैली के आयोजन में से एक रितुपर्णा राय ने कहा, 'भ्रष्टाचार के खिलाफ खड़ी एक शिक्षित कामकाजी महिला का बलात्कार और हत्या होना चिकित्सा संस्थानों में पूरी तरह से व्यवस्थि विफलता की ओर इशारा करता है'.
बता दें कि 8 अगस्त की सुबह 3-5 बजे के बीच ट्रेनी लेडी डॉक्टर के साथ रेप की घटना हुई थी. इसके बाद आरोपी दरिंदे ने डॉक्टर की हत्या भी कर दी. डॉक्टर चेस्ट मेडिसिन विभाग में MD द्वितीय साल की स्टूडेंट थी. इस घटना ने पूरे देश में गुस्सा है और बंगाल में टीएमसी सरकार पर कानून व्यवस्था को लेकर सवाल खड़े किए जा रहे हैं.