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India Daily

Operation Mahadev: अमित शाह ने लोकसभा में ऑपरेशन महादेव में मारे गए आतंकियों की कुंडली खोली, पाकिस्तान से आने के सबूतों का किया खुलासा

गृह मंत्री अमित शाह ने लोकसभा में बताया कि पहलगाम आतंकी हमले में शामिल तीनों लश्कर-ए-तैयबा के 'ए' कैटेगरी आतंकियों को ऑपरेशन महादेव के तहत मार गिराया गया है. सरकार के पास पाकिस्तान से उनके संबंधों के पुख्ता सबूत हैं. जांच के दौरान 1,055 लोगों से पूछताछ हुई और फॉरेंसिक जांच से इनकी पहचान की गई.

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Edited By: Km Jaya
Amit shah reveal details
Courtesy: Social Media

Operation Mahadev: केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने मंगलवार को लोकसभा में बताया कि जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में 22 अप्रैल को हुए आतंकी हमले में शामिल तीनों आतंकियों को सुरक्षा बलों ने ऑपरेशन महादेव के तहत ढेर कर दिया है. उन्होंने इस कार्रवाई को सुरक्षा एजेंसियों की बड़ी कामयाबी बताते हुए कहा कि सरकार के पास इन आतंकियों के पाकिस्तान से जुड़े होने के पुख्ता सबूत मौजूद हैं.

ऑपरेशन महादेव के सबूतों की सूची

शाह ने बताया कि मारे गए तीनों आतंकियों की पहचान सुलैमान उर्फ फैज़ल, अफगान और जिब्रान के रूप में हुई है. ये तीनों लश्कर-ए-तैयबा के ‘ए-कैटेगरी’ के आतंकी थे. ऑपरेशन महादेव में भारतीय सेना, सीआरपीएफ और जम्मू-कश्मीर पुलिस की संयुक्त कार्रवाई में इन्हें मार गिराया गया.

तीनों आतंकियों को मार गिराया

शाह ने संसद में कहा कि बैसारन घाटी में हमारे नागरिकों की हत्या करने वाले तीनों आतंकवादी अब जिंदा नहीं हैं. उन्होंने बताया कि सुरक्षा एजेंसियों को निर्देश दिया गया था कि ये आतंकी देश छोड़कर भागने न पाए, और उसी के तहत यह कार्रवाई की गई.

 

पाकिस्तान से संबंध के सबूत

गृहमंत्री ने लोकसभा में खुलासा किया कि मारे गए दो आतंकियों के पास से पाकिस्तान के वोटर आईडी मिले हैं और उनके पास से जो चॉकलेट बरामद हुई, वह भी पाकिस्तान निर्मित थी. शाह ने कहा कि हमारे पास सबूत हैं कि ये आतंकी पाकिस्तान से आए थे.

जांच की प्रक्रिया और पहचान

शाह ने बताया कि आतंकियों की पहचान के लिए जांच एजेंसियों ने 1,055 लोगों से पूछताछ की. इनमें पीड़ितों के परिजन, पर्यटक, टट्टू मालिक, फोटोग्राफर और स्थानीय निवासी शामिल थे. पूछताछ के बाद कंपोजिट स्केच तैयार किए गए, जिसके आधार पर 22 जून को बशीर और परवेज नामक दो व्यक्तियों की पहचान की गई जिन्होंने आतंकियों को पनाह दी थी. जिन लोगों ने आतंकियों को खाना पहुंचाया था, उन्हें पहले ही हिरासत में लिया जा चुका था. जब आतंकियों के शव श्रीनगर लाए गए, तो उन्हीं लोगों ने उनकी पहचान कर पुष्टी की.

फॉरेंसिक पुष्टि

शाह ने बताया कि एनआईए पहले ही उन लोगों को गिरफ्तार कर चुकी थी जिन्होंने आतंकियों को शरण दी थी. हमले में उपयोग की गई कारतूसों की FSL रिपोर्ट पहले से तैयार थी. ऑपरेशन के बाद जब मारे गए आतंकियों की बंदूकें जब्त की गईं, तो उन्हें FSL रिपोर्ट से मिलाया गया. चंडीगढ़ में अंतिम परीक्षण के बाद यह पूरी तरह पुष्टि हुई कि ये तीनों वही आतंकी थे जिन्होंने पहलगाम में हमला किया था.

सरकार ने दिया स्पष्ट संदेश

शाह ने कहा कि यह कार्रवाई आतंकवाद के खिलाफ भारत की "जीरो टॉलरेंस" नीति को दर्शाती है और यह स्पष्ट संदेश है कि देश के खिलाफ हथियार उठाने वालों को बख्शा नहीं जाएगा.