Operation Mahadev: केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने मंगलवार को लोकसभा में बताया कि जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में 22 अप्रैल को हुए आतंकी हमले में शामिल तीनों आतंकियों को सुरक्षा बलों ने ऑपरेशन महादेव के तहत ढेर कर दिया है. उन्होंने इस कार्रवाई को सुरक्षा एजेंसियों की बड़ी कामयाबी बताते हुए कहा कि सरकार के पास इन आतंकियों के पाकिस्तान से जुड़े होने के पुख्ता सबूत मौजूद हैं.
शाह ने बताया कि मारे गए तीनों आतंकियों की पहचान सुलैमान उर्फ फैज़ल, अफगान और जिब्रान के रूप में हुई है. ये तीनों लश्कर-ए-तैयबा के ‘ए-कैटेगरी’ के आतंकी थे. ऑपरेशन महादेव में भारतीय सेना, सीआरपीएफ और जम्मू-कश्मीर पुलिस की संयुक्त कार्रवाई में इन्हें मार गिराया गया.
शाह ने संसद में कहा कि बैसारन घाटी में हमारे नागरिकों की हत्या करने वाले तीनों आतंकवादी अब जिंदा नहीं हैं. उन्होंने बताया कि सुरक्षा एजेंसियों को निर्देश दिया गया था कि ये आतंकी देश छोड़कर भागने न पाए, और उसी के तहत यह कार्रवाई की गई.
#WATCH | Delhi | Union Home Minister Amit Shah says, "... NIA had already arrested those who gave them shelter. Those who fed them were detained. When the terrorists' dead bodies reached Srinagar, they were identified as the three people who carried out the terror attack in… pic.twitter.com/TqNlZWXlIU
— ANI (@ANI) July 29, 2025
गृहमंत्री ने लोकसभा में खुलासा किया कि मारे गए दो आतंकियों के पास से पाकिस्तान के वोटर आईडी मिले हैं और उनके पास से जो चॉकलेट बरामद हुई, वह भी पाकिस्तान निर्मित थी. शाह ने कहा कि हमारे पास सबूत हैं कि ये आतंकी पाकिस्तान से आए थे.
शाह ने बताया कि आतंकियों की पहचान के लिए जांच एजेंसियों ने 1,055 लोगों से पूछताछ की. इनमें पीड़ितों के परिजन, पर्यटक, टट्टू मालिक, फोटोग्राफर और स्थानीय निवासी शामिल थे. पूछताछ के बाद कंपोजिट स्केच तैयार किए गए, जिसके आधार पर 22 जून को बशीर और परवेज नामक दो व्यक्तियों की पहचान की गई जिन्होंने आतंकियों को पनाह दी थी. जिन लोगों ने आतंकियों को खाना पहुंचाया था, उन्हें पहले ही हिरासत में लिया जा चुका था. जब आतंकियों के शव श्रीनगर लाए गए, तो उन्हीं लोगों ने उनकी पहचान कर पुष्टी की.
शाह ने बताया कि एनआईए पहले ही उन लोगों को गिरफ्तार कर चुकी थी जिन्होंने आतंकियों को शरण दी थी. हमले में उपयोग की गई कारतूसों की FSL रिपोर्ट पहले से तैयार थी. ऑपरेशन के बाद जब मारे गए आतंकियों की बंदूकें जब्त की गईं, तो उन्हें FSL रिपोर्ट से मिलाया गया. चंडीगढ़ में अंतिम परीक्षण के बाद यह पूरी तरह पुष्टि हुई कि ये तीनों वही आतंकी थे जिन्होंने पहलगाम में हमला किया था.
शाह ने कहा कि यह कार्रवाई आतंकवाद के खिलाफ भारत की "जीरो टॉलरेंस" नीति को दर्शाती है और यह स्पष्ट संदेश है कि देश के खिलाफ हथियार उठाने वालों को बख्शा नहीं जाएगा.