Operation Water Relief 2: उत्तर पूर्वी भारत में हाल की भारी बारिश और शहरी बाढ़ ने कई क्षेत्रों में तबाही मचाई है. इस संकट की घड़ी में भारतीय सेना ने 'ऑपरेशन जल राहत 2' के तहत व्यापक मानवीय सहायता और आपदा राहत (HADR) अभियान शुरू किया है. असम, नागालैंड और मणिपुर में समन्वित रूप से चलाए जा रहे इस अभियान का नेतृत्व असम राइफल्स (उत्तर) के महानिरीक्षक मुख्यालय (IGAR उत्तर) कर रहे हैं, जो स्थानीय प्रशासन के साथ मिलकर प्रभावित लोगों तक राहत पहुंचा रहे हैं.
10 जुलाई 2025 को, दीमापुर के उपायुक्त ने सिंगरिजन कॉलोनी जैसे बुरी तरह प्रभावित क्षेत्रों में तत्काल सहायता के लिए भारतीय सेना से अनुरोध किया. सेना ने तुरंत एक इंजीनियर टास्क फोर्स (ETF) तैनात कर राहत कार्य शुरू किए. हालांकि बाद में मौखिक रूप से सेना को वापस बुलाने का आदेश मिला, लेकिन सेना मुख्यालय IGAR (उत्तर) में स्थापित बाढ़ राहत नियंत्रण केंद्र के माध्यम से संसाधनों को तैयार रखकर स्थिति पर नजर बनाए हुए है.
असम: धनसिरी नदी पर कड़ी निगरानी
ऊपरी असम के गोलाघाट जिले में धनसिरी नदी के खतरे के निशान को पार करने से बाढ़ की स्थिति गंभीर हो गई थी. हालांकि, अब जल स्तर में कमी देखी जा रही है. भारतीय सेना स्थिति पर सतर्क नजर रखे हुए है और किसी भी आपात स्थिति में त्वरित हस्तक्षेप के लिए तैयार है. सेना का यह सक्रिय रवैया प्रभावित क्षेत्रों में विश्वास की किरण बनकर उभरा है.
मणिपुर: इम्फाल और बिष्णुपुर में राहत कार्य
मणिपुर के इम्फाल पश्चिम और बिष्णुपुर जिलों में नांबोल नदी के उफान ने कई क्षेत्रों को प्रभावित किया. हालांकि बाढ़ का पानी अब कम होने लगा है, भारतीय सेना स्थानीय प्रशासन के साथ मिलकर राहत कार्यों में जुटी हुई है. सेना की टीमें प्रभावित लोगों को भोजन, पानी और चिकित्सा सहायता प्रदान कर रही हैं.
बाढ़ राहत अभियान
10 जुलाई 2025 तक, भारतीय सेना ने अपने अभियान में निम्नलिखित उपलब्धियां हासिल की हैं:
तैनात राहत टुकड़ियां: 40 (24 मुख्य + 16 रिज़र्व)
बचाए गए लोग: 3,820
वितरित खाद्य पैकेट: 1,361
चिकित्सा सहायता प्राप्त लोग: 2,095
पानी की बोतलें आपूर्ति: 15,421
नागरिकों के प्रति अटूट प्रतिबद्धता
भारतीय सेना प्राकृतिक आपदाओं के दौरान अपने नागरिकों की सहायता के लिए हमेशा तत्पर रही है. समय पर हस्तक्षेप, त्वरित संसाधन जुटाने की क्षमता और स्थानीय प्रशासन के साथ निर्बाध समन्वय के माध्यम से, सेना उत्तर पूर्व के बाढ़ प्रभावित लोगों को जीवन रक्षक सहायता और आवश्यक राहत प्रदान कर रही है. यह अभियान न केवल सेना की दक्षता को दर्शाता है, बल्कि देशवासियों के प्रति उनकी संवेदनशीलता और समर्पण को भी उजागर करता है.