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महिलाओं को मिलेगी एक दिन की 'Period Leave' सरकार ने स्वतंत्रता दिवस पर दिया गिफ्ट

Period Leaves: ओडिशा सरकार ने महिलाओं के लिए पीरियड्स लीव का ऐलान किया है. राज्य में काम करने वाली सरकारी और प्राइवेट महिला कर्मचारी अपने मासिक धर्म के पहले या दूसरे दिन एक दिन की छुट्टी ले सकती हैं. ओडिशा इस प्रकार की छुट्टी देने वाला तीसरा राज्य बन गया है.

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Edited By: India Daily Live
period leave for odisha women
Courtesy: Social Media

Periods Leaves: स्वतंत्रता दिवस के मौके पर ओडिशा सरकार ने महिलाओं को बड़ा तोहफा दिया है. सरकार ने ऐलान किया है कि राज्य में काम करने वाली सरकारी और प्राइवेट महिला कर्मचारियों को मासिक धर्म के लिए एक दिन की छुट्टी दी जाएगी. कटक में जिला स्तरीय स्वतंत्रता दिवस समारोह के दौरान, उप मुख्यमंत्री प्रवती परिदा ने कहा कि महिला कर्मचारियों को उनके मासिक धर्म चक्र के पहले या दूसरे दिन छुट्टी लेने की अनुमति दी जाएगी.

राज्य में पहली बार राज्य सरकार और निजी क्षेत्र दोनों में कार्यरत महिला कर्मचारियों के लिए एक दिन की मासिक धर्म छुट्टी की नीति शुरू की है.  एक दिन की मासिक धर्म छुट्टी नीति तुरंत प्रभावी होगी.

मासिक धर्म के लिए उठाई गई थी छुट्टी की आवाज

केन्या के नैरोबी में आयोजित संयुक्त राष्ट्र नागरिक समाज सम्मेलन 2024 में एक ओडिया लड़की ने मासिक धर्म के दौरान वेतन सहित छुट्टी की मांग करते हुए  आवाज उठाई थी. ओडिशा की एक महिला कार्यकर्ता रंजीता प्रियदर्शिनी ने  मासिक धर्म के दौरान महिलाओं के लिए सवेतन छुट्टी के संबंध में अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन में सभी प्रतिनिधियों का ध्यान आकर्षित किया था. उन्होंने तर्क दिया कि दुनिया भर में महिलाएं मासिक धर्म के दौरान शारीरिक दर्द से पीड़ित होती हैं ऐसे में उन्हें अवकाश दिया जाना चाहिए. 

मासिक धर्म के लिए छुट्टी देने वाला तीसरा राज्य बना ओडिशा

केरल और बिहार के बाद ओडिशा ऐसा तीसरा राज्य बन गया है जिसने मासिक धर्म के लिए महिलाओं को छुट्टी देने का ऐलान किया है. बात अगर राष्ट्रीय स्तर पर मासिक धर्म की छुट्टी को लेकर करें तो इस ये नहीं लागू हुई है. महिला एवं बाल विकास मंत्री अन्नपूर्णा देवी ने 26 जुलाई को स्पष्ट किया कि फिलहाल सभी कार्यस्थलों पर मासिक धर्म अवकाश को लागू करने की कोई योजना नहीं है.

पीरियड्स लीव के मुद्दे पर लोकसभा में एक लिखित उत्तर में महिला एवं बाल विकास मंत्री अन्नपूर्णा देवी ने कहा था-फिलहाल, सभी कार्यस्थलों के लिए भुगतान सहित मासिक धर्म अवकाश को अनिवार्य बनाने का कोई प्रस्ताव सरकार के विचाराधीन नहीं है.