Odisha Assembly Elections Results: ओडिशा विधानसभा और लोकसभा चुनावों में बीजद की हार का एक प्रमुख कारण पूर्व आईएएस अफसर वीके पांडियन को माना जा रहा है. कहा जा रहा है कि मंगलवार को ओडिशा विधानसभा और लोकसभा चुनाव के नतीजों की घोषणा के बाद से वीके पांडियन का कुछ पता नहीं चल रहा है.
पांडियन हमेशा निवर्तमान मुख्यमंत्री नवीन पटनायक के साथ दिख जाते थे, लेकिन मंगलवार को नतीजों के बाद न तो वे बुधवार को उनके साथ दिखे और न ही गुरुवार सुबह तक उनका कुछ पता चला. पांडियन उस वक्त भी नवीन पटनायक के साथ नहीं दिखे, जब वे मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देने के लिए राजभवन गए थे. इसके अलावा, वे बुधवार को नवीन निवास पर पूर्व मुख्यमंत्री पटनायक अपनी पार्टी के नवनिर्वाचित विधायकों के साथ दिख थे, लेकिन बैठक से पांडियन नदारद रहे.
टाइम्स ऑफ इंडिया की एक रिपोर्ट के मुताबिक, नवीन आवास पर हुई बैठक में शामिल एक विधायक ने नाम न छापने की शर्त पर कहा कि पांडियन बाबू बैठक में मौजूद नहीं थे. नवीन बाबू ने हमारे साथ चर्चा की और हमें राज्य के लोगों के लिए काम करते रहने के लिए कहा.
बुधवार को नवीन पटनायक ने राज्यपाल रघुबर दास को अपना इस्तीफा सौंप दिया, जिससे मुख्यमंत्री के रूप में उनके 24 साल के कार्यकाल का अंत हो गया. इसके साथ ही पार्टी के भीतर बीजद की चुनावी पराजय के पीछे के कारणों का पता लगाने के लिए आत्ममंथन शुरू हो गया.
राजनीतिक पंडितों और पार्टी के अंदरूनी सूत्रों ने बीजेडी के पतन के लिए कई महत्वपूर्ण कारकों की पहचान की है. उन्होंने उम्मीदवारों के चयन में बड़ी चूक, निर्णय लेने की प्रक्रिया में पार्टी के दिग्गजों को शामिल न करने और वीके पांडियन पर अत्यधिक निर्भरता को बीजेडी की विफलता के लिए मुख्य कारण बताया.
निराशाजनक प्रदर्शन करते हुए बीजद राज्य में एक भी लोकसभा सीट जितने में नाकाम रही. साथ ही 147 विधानसभा सीटों में से केवल 51 पर जीत हासिल की. बीजद के एक सीनियर नेता ने खुलासा किया कि मतदाताओं की नब्ज पर नजर रखने वाले पार्टी नेताओं को उम्मीदवारों के चयन के दौरान हाशिए पर डाल दिया गया, जो पहले की तुलना में एक बदलाव है, जब जिला पर्यवेक्षकों की महत्वपूर्ण भूमिका होती थी.
2000 बैच के ओडिशा कैडर के IAS वीके पांडियन का तमिलनाडु में जन्म हुआ है. वीके पंडियन एग्रीकल्चर में ग्रेजुएट और पोस्ट ग्रेजुएट हैं. पांडियन को नवीन पटनायक के करीबियों में शामिल किया जाता है. ओडिशा के कालाहांडी जिले के धर्मगढ़ में सब कलेक्टर के तौर पर पांडियन की साल 2002 में पहली पोस्टिंग हुई थी.
तीन साल बाद यानी 2005 में पांडियन को मयूरभंज का जिलाधिकारी बनाया गया. 2007 में पांडियन को नवीन पटनायक के होम टाउन गंजाम का DM बना दिया गया. यहीं से वे नवीन पटनायक के गुडबुक में शामिल हो गए. 5 साल बाद यानी 2011 में वीके पांडियन की मुख्यमंत्री कार्यालय में तैनाती कर दी गई और मुख्यमंत्री का निजी सचिव बना दिया गया. पिछले साल यानी 2023 में पंडियन ने वीआरएस लिया था और बाद में बीजेडी में शामिल हो गए थे.