नई दिल्लीः विदेशों में भारतीय दूतावासों पर हमला करने वालों के खिलाफ भारत ने एक सख्त एक्शन लिया है. राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) ने इस साल की शुरुआत में अमेरिका, लंदन और कनाडा में भारतीय दूतावासों पर हुए हमलों में शामिल 43 संदिग्धों की पहचान कर ली है. बताया गया है कि एनआईए ने इन सभी संदिग्धों की पहचान क्राउडसोर्सिंग का इस्तेमाल करके की है.
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, गृह मंत्रालय (एमएचए) के आदेश के बाद एनआईए ने इस साल जून में अमेरिका, ब्रिटेन और कनाडा में भारतीय राजनयिक मिशनों (भारतीय दूतावासों) पर हमलों के मामले की जांच को अपने हाथों में लिया है. रिपोर्ट में बताया गया है कि एनआईए ने अभी तक भारत में 50 से ज्यादा छापे मारे हैं और हमलों के संबंध में करीब 80 लोगों से पूछताछ की गई है.
इस साल मार्च और जुलाई में भारतीय दूतावासों को निशाना बनाया गया था. खालिस्तानी समर्थकों ने 19 मार्च को एक विरोध प्रदर्शन के दौरान लंदन में भारतीय दूतावास पर दो अलग-अलग हमले किए थे. इसी तरह के हमले 2 जुलाई को सैन फ्रांसिस्को में भी हुए थे. दोनों घटनाओं की जांच एनआईए कर रही है. कहा गया है कि ये जांच आपराधिक अतिचार, बर्बरता, सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचाने, दूतावास के कर्मचारियों को नुकसान पहुंचाने का प्रयास करने और हिंसा को भड़काने के आरोपों के साथ की जा रही है.
इसके अलावा इन हिंसक घटनाओं में शामिल हमलावरों के बारे में जानकारी जुटाने के लिए एनआईए की टीम ने अगस्त 2023 में सैन फ्रांसिस्को का दौरा किया था. दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने कनाडा और सैन फ्रांसिस्को में मार्च 2023 में हुए हमलों के संबंध में एफआईआर भी दर्ज की थी.
कनाडा में भारतीय उच्चायोग पर विरोध प्रदर्शन के दौरान एक ग्रेनेड भी फेंका गया था, जिसके बाद गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम और विस्फोटक अधिनियम के प्रावधान भी लागू किए गए थे. इस साल जून में एनआईए ने लंदन में भारतीय दूतावस पर हमले के कई सीसीटीवी फुटेज भी जारी किए थे और दोषियों की पहचान करने में जनता से मदद मांगी थी.