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हिमाचल को Hotspot बनाएगा कोरोना का नया वैरिएंट JN.1? जानें न्यू ईयर सैलानियों के लिए क्यों बजी खतरे की घंटी

देश में नये साल का जश्न शुरु हो गया है. तमाम सैलानी हिमाचल की पहाड़ियों की सैर की प्लानिंग बना रहे है. नये साल के जश्न के साथ कोरोना ने जिस तरह से दस्तक दिया है. उसे खतरे की पहले की घंटी माना जा रहा है.

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Avinash Kumar Singh
Himachal Pradesh

हाइलाइट्स

  • न्यू ईयर पर पहाड़ों पर बेकाबू भीड़
  • शिमला में सैलानियों की उमड़ी भीड़

नई दिल्ली: देश में नये साल का जश्न शुरु हो गया है. तमाम सैलानी हिमाचल की पहाड़ियों की सैर की प्लानिंग बना रहे है. नये साल के जश्न के साथ कोरोना ने जिस तरह से दस्तक दिया है. उसे खतरे की पहले की घंटी माना जा रहा है. क्रिसमस और नए साल का जश्न मनाने के लिए बड़ी संख्या में पर्यटक हिमाचल प्रदेश पंहुचने लगे है. 

हिमाचल में सैलानियों की बेतहाशा भीड़

सैलानियों की भीड़ उमड़ने लगी है. हिमाचल के कई पर्यटन स्थलों को जोड़ने वाली सड़कें यातायात भीड़ से जूझ रही हैं. सड़कों पर जाम का आलम यह है कि लाहौल और स्पीति जिले की पुलिस ने क्षेत्र में यातायात की स्थिति पर नजर रखने के लिए ड्रोन से निगरानी रखनी शुरु कर दी है. 

कोविड-19 का नया वैरिएंट JN.1 पसार रहा पैर 

जैसे-जैसे हिमाचल में पर्यटकों की संख्या बढ़ती जा रही है, वैसे-वैसे यह भीड़ चिंता का सबब बनती जा रही है. जीनोम जांच में बढ़ोतरी के साथ-साथ कोविड-19 के नए वैरिएंट JN.1 के मामले भी बढ़ रहे हैं. स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक 24 दिसंबर तक देश में वैरिएंट JN.1 के 63 केस मिल चुके हैं. जिसमें सबसे ज्या सबसे ज्यादा 34 केस गोवा में मिले हैं. 

हिमाचल प्रदेश जानें वालें पर्यटकों के लिए खतरे की घंटी 

गोवा टूरिज्म का बड़ा केंद्र है. न्यू ईयर एंजॉय के लिए इंडिया में गोवा और हिमाचल प्रदेश पर्यटकों की पहली पंसदीदा जगह होता है. ऐसे में कोरोनो के मौजूदा हालात के मद्देनजर जिस तरह से हिमाचल में बेहताशा पर्यटकों की संख्या बढ़ती जा रही है. कहीं कोरोना विस्फोट का नया पिंक सेंटर न बन जाएं. देशभर में कोरोना के नए वैरिएंट JN.1 के मामले जिस तरह से सामने आ रहे हैं, उससे भीड़भाड़ की वजह से इसके और तेजी से फैलने की आशंका जताई जा रही है. अब तक भारत में कोरोना के नए वैरिएंट JN.1 के 63 केस सामने आ चुके हैं. बढ़ते केस को देखते हुए डॉक्टर और स्वास्थ्य विभाग लोगों से भीड़भाड़ से बचने की सलाह दे रहे हैं, लेकिन सैलानी इसे नजरअंदाज कर छुट्टी मनाने पहाड़ी राज्यों की ओर जा रहे है.