INS Jatayu Naval Base: आज 6 मार्च को भारतीय नौसेना टुकड़ी मिनिकॉय को आईएनएस जटायु के रूप में शामिल किया जाएगा. यह एकनौसैनिक अड्डा है, जो लक्षद्वीप द्वीप समूह में सुरक्षा बुनियादी ढांचे को बढ़ाने के साथ भारतीय नौसेना के लिए मील का पत्थर है. केरल के कवरत्ती में आईएनएस द्वीपरक्षक के बाद आईएनएस जटायु लक्षद्वीप में भारत का दूसरा नेवी बेस होगा. द्वीपों पर नौसेना का पहला बेस कावारत्ती में आईएनएस द्वीपरक्षक 2012 में चालू किया गया था.
आईएनएस जटायु द्वीपों में भारतीय नौसेना की परिचालन क्षमता और कनेक्टिविटी को बढ़ाएगा. मिनिकॉय दुनिया के प्रमुख समुद्री राजमार्गों और संचार की महत्वपूर्ण समुद्री लाइनों तक फैला हुआ है. जिसमें मिनिकॉय और मालदीव के बीच आठ डिग्री चैनल और मिनिकॉय और लक्षद्वीप द्वीपों के मुख्य समूह के बीच नौ डिग्री चैनल शामिल हैं.
भारतीय नौसेना ने लक्षद्वीप के मिनिकॉय द्वीप समूह में एक नया बेस आईएनएस जटायु तैयार किया है. जिसे सेना प्रमुख एडमिरल आर हरि कुमार की मौजूदगी में नौसैनिक टुकड़ी को शामिल किया जाएगा. बीते मंगलवार को आईएनएस विक्रमादित्य पर 2024 के पहले नौसेना कमांडरों के सम्मेलन को संबोधित करते हुए रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि अगर हिंद महासागर क्षेत्र और व्यापक इंडो-पैसिफिक में भारत की प्रतिष्ठा बढ़ी है, तो यह हमारी नौसेना की बहादुरी और तत्परता के कारण है. यह इंडो-पैसिफिक क्षेत्र में विश्वसनीयता का पर्याय बन गया है. नौसेना भारत की बढ़ती प्रगति की तस्वीर है.
पीएम मोदी और मॉरीशस की प्रधानमंत्री प्रविंद जुगनौथ की ओर से संयुक्त रूप से एक हवाई पट्टी और एक सेंट जेम्स सेतु का उद्घाटन करने के कुछ दिनों बाद आईएनएस जटायु को चालू किया जाएगा, जिसे भारत ने पश्चिमी हिंद महासागर में अफ्रीका के तट पर अगालेगा के मॉरीशस द्वीप पर बनाया है.