India China Nomenclature War: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की नई सरकार के ताजा फैसले से चीन की नींद उड़ गई है. भारत सरकार ने निर्णय लिया है कि चीन को उसी की भाषा में ही अब जवाब दिया जाएगा. डिप्लोमैट की रिपोर्ट के अनुसार, भारत सरकार चीन के स्वायत्त क्षेत्र तिब्बत के आस-पास वाले दो दर्जन से ज्यादा इलाकों के नाम बदलने की योजना बना रहा है. केंद्र की तीसरी बार सत्ता संभालने के बाद मोदी सरकार के इस निर्णय से चीन पूरी तरह से हिल गया है. भारत के इस कदम को राजनय की दुनिया में बड़ा पैगाम माना जा रहा है.
इससे पहले तीन की कम्युनिस्ट सरकार ने कई बार भारतीय क्षेत्रों के नाम बदले और उन्हें अपने मानचित्र में दिखाने की कोशिश की है. चीन ने कुछ समय पहले ही भारत के पूर्वोत्तर राज्य अरुणाचल प्रदेश के कुछ हिस्सों का नाम बदल दिया था. मोदी सरकार के ताजा निर्णय को चीन को जैसे को तैसा के जवाब के रूप में देखा जा रहा है.
रिपोर्ट के अनुसार, भारत सरकार लंबे शोध और अध्ययन के बाद इस नतीजे पर पहुंची है. इन नामों का नाम लगभग फाइनल हो गया है. भारतीय सेना जल्द ही इन नामों के बारे में घोषणा कर देगी. इसके बाद वह इन बदले गए नामों को अपने मैप में दर्शाएगी. नाम बदलने का उद्देश्य क्षेत्रीय और वैश्विक मीडिया के माध्यम से सीमाई सच्चाई को लेकर भारत के कड़े रूख को प्रदर्शित करना है.
भारत और चीन के बीच मई 2020 के बाद से रिश्ते तनावपूर्ण बने हुए हैं. उस दौरान दोनों देशों की सेनाएं आपस में भिड़ गई थीं. इसके बाद से अब तक दोनों देशों के मध्य कमांडर स्तर की 21 राउंड की वार्ताएं की जा चुकी हैं. इस साल अप्रैल माह में भी चीन ने अरूणाचल प्रदेश के 30 इलाकों के नाम बदल दिए थे. भारत सरकार ने चीन के इस कदम पर कड़ी आपत्ति जताई थी.