नई दिल्ली: नेपाल के केंद्रीय बैंक ने संशोधित राष्ट्रीय मानचित्र वाला नया 100 रुपये का नोट जारी कर एक बार फिर भारत-नेपाल सीमा विवाद को चर्चा में ला दिया है. नोट पर वे विवादित क्षेत्र कालापानी, लिपुलेख और लिम्पियाधूरा शामिल दिखाए गए हैं, जिन्हें भारत अपना हिस्सा मानता है.
नेपाल का यह कदम 2020 के उस राजनीतिक विवाद को भी दोबारा जीवित करता है, जब काठमांडू ने नया मानचित्र संसद से पारित करवाया था और भारत ने इसे 'कृत्रिम विस्तार' करार देते हुए विरोध जताया था.
नेपाल राष्ट्र बैंक ने गुरुवार को नया 100 रुपये का नोट जारी किया, जिसमें देश का अद्यतन मानचित्र शामिल है. इसमें कालापानी, लिपुलेख और लिम्पियाधूरा को नेपाल के हिस्से के रूप में दिखाया गया है. ये वही इलाके हैं जिन पर भारत लंबे समय से अपना दावा करता रहा है. नोट पर पूर्व गवर्नर महाप्रसाद अधिकारी के हस्ताक्षर हैं और वर्ष 2081 विक्रम संवत (2024) अंकित है.
नेपाल का कहना है कि इन क्षेत्रों को उसके नक्शे में शामिल करने का फैसला 2020 में संसद द्वारा अनुमोदित था. भारत ने तब इस अद्यतन नक्शे को एकतरफा कदम बताते हुए तीखी आपत्ति जताई थी और कहा था कि ऐसे 'कृत्रिम विस्तार' किसी भी दावे को वैध नहीं बनाते. अब नया नोट जारी होने से वर्षों पुराना विवाद एक बार फिर सुर्खियों में आ गया है.
लिपुलेख पास और उससे सटे कालापानी क्षेत्र भारत और नेपाल के बीच सबसे बड़ा संवेदनशील मुद्दा रहे हैं. भारत इन्हें उत्तराखंड के पिथौरागढ़ जिले का हिस्सा मानता है, जबकि नेपाल का दावा है कि ये उसके धांगरखी (धारचूला) जिले में आते हैं. रणनीतिक और भौगोलिक रूप से महत्वपूर्ण यह इलाका तिब्बत सीमा के करीब स्थित है.
नए 100 रुपये के नोट पर बाईं ओर माउंट एवरेस्ट की तस्वीर है, जबकि दाईं ओर नेपाल के राष्ट्रीय फूल रोडोडेंड्रॉन का वॉटरमार्क. नोट के बीच हल्के हरे रंग में नेपाल का नक्शा बना है. इसके साथ अशोक स्तंभ के पास 'लुंबिनी- बुद्ध की जन्मभूमि' भी छपी है. पीछे की ओर एक-सींग वाले गैंडे की तस्वीर और दृष्टिबाधितों के लिए उभरा हुआ निशान दिया गया है.
नेपाल के विभिन्न मूल्यवर्ग 10, 50, 500 और 1000 रुपये में से सिर्फ 100 रुपये के नोट पर ही राष्ट्रीय मानचित्र दिखाई देता है. नेपाल का केंद्रीय बैंक कहता है कि पुराने नोटों पर भी नक्शा छपता था और सरकार के निर्देशों के अनुसार उसे अद्यतन रूप में फिर जारी किया गया है. नेपाल की भारत से 1,850 किमी लंबी खुली सीमा पांच भारतीय राज्यों सिक्किम, पश्चिम बंगाल, बिहार, उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड से जुड़ती है.