Vice President election: भारतीय जनता पार्टी की अगुवाई वाले राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) ने उपराष्ट्रपति पद के चुनाव के लिए महाराष्ट्र के राज्यपाल सीपी राधाकृष्णन का नाम सामने रखा है. भाजपा संसदीय बोर्ड की बैठक में यह फैसला लिया गया जिसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा, गृहमंत्री अमित शाह और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह मौजूद थे. एनडीए ने यह भी संकेत दिया है कि वह चाहती है कि चुनाव निर्विरोध हो और इसके लिए विपक्ष से बातचीत की जा रही है.
भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा ने घोषणा करते हुए कहा कि एनडीए की ओर से सीपी राधाकृष्णन उपराष्ट्रपति पद के उम्मीदवार होंगे. उन्होंने कहा कि एनडीए चाहती है कि यह चुनाव बिना मुकाबले के हो ताकि उपराष्ट्रपति पद की गरिमा बनी रहे. इसके लिए विपक्षी नेताओं से भी संपर्क साधा जा रहा है. जतन राम मांझी जैसे सहयोगी नेताओं ने भी खुले तौर पर राधाकृष्णन का समर्थन करते हुए सोशल मीडिया पर लिखा कि वे एनडीए के साथ पूरी मजबूती से खड़े हैं. गौरतलब है कि 6 अगस्त को हुई बैठक में एनडीए नेताओं ने प्रधानमंत्री मोदी और नड्डा को उम्मीदवार चुनने का अधिकार दिया था.
वहीं दूसरी ओर विपक्षी इंडिया गठबंधन भी मैदान में उतरने की तैयारी कर रहा है. कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे 18 या 19 अगस्त को सभी सहयोगी दलों के नेताओं के साथ बैठक बुला सकते हैं. सूत्रों के अनुसार, खड़गे बैकचैनल वार्ताओं में लगे हुए हैं ताकि एक साझा नाम पर सहमति बन सके. इससे पहले राहुल गांधी की अध्यक्षता में हुई बैठक में यह तय हुआ था कि भले ही एनडीए के पास बहुमत का आंकड़ा हो, लेकिन विपक्ष को राजनीतिक संदेश देने के लिए चुनाव में उतरना चाहिए. विपक्षी दलों का मानना है कि यह लोकतंत्र और विपक्ष की भूमिका को मजबूत करने का अवसर है.
चुनाव आयोग ने उपराष्ट्रपति चुनाव का कार्यक्रम पहले ही जारी कर दिया है. नामांकन दाखिल करने की आखिरी तारीख 21 अगस्त है, 22 अगस्त को नामांकन की जांच होगी और 25 अगस्त तक उम्मीदवार नाम वापस ले सकते हैं. अगर मुकाबला हुआ तो मतदान 9 सितम्बर को संसद भवन में सुबह 10 बजे से शाम 5 बजे तक होगा और परिणाम उसी दिन घोषित कर दिया जाएगा. इस चुनाव में लोकसभा और राज्यसभा के सभी निर्वाचित और नामित सदस्य वोट डालेंगे.
गौरतलब है कि पूर्व उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने 21 जुलाई को स्वास्थ्य कारणों से इस्तीफा दे दिया था जिसके बाद यह चुनाव जरूरी हो गया. कुल 782 सांसदों में से जीत के लिए 391 वोटों की आवश्यकता है. एनडीए के पास लोकसभा में 293 और राज्यसभा में करीब 130 सांसदों का समर्थन है, यानी कुल मिलाकर लगभग 422 सदस्यों का आंकड़ा उनके पक्ष में है. वहीं, इंडिया गठबंधन के पास लोकसभा में 234 और राज्यसभा में 77 सांसद हैं. इस लिहाज से एनडीए की स्थिति काफी मजबूत है, लेकिन विपक्ष चुनावी मुकाबले को लेकर गंभीर दिखाई दे रहा है.