राजस्थान के रणथंभौर नेशनल पार्क में एक चौंकाने वाली लापरवाही की घटना सामने आई है, जहां जोन 6 में एक जंगल सफारी कैंटर के खराब होने के कारण पर्यटक लगभग 90 मिनट तक बाघों से भरे जंगल में फंस गए. पर्यटकों का आरोप है कि उनके गाइड ने दूसरा कैंटर लाने की बात कहकर वाहन छोड़ दिया, लेकिन वह कथित तौर पर दुर्व्यवहार करने के बाद भाग गया. यह भयावह घटना शनिवार शाम करीब 6 बजे शुरू हुई, जब कैंटर, जिसमें महिलाएं, बच्चे और अन्य पर्यटक सवार थे, अचानक बंद हो गया.
पर्यटकों द्वारा बनाए गए वीडियो में बच्चे डर के मारे रोते हुए दिखाई दे रहे हैं, जो मोबाइल फोन की रोशनी में अंधेरे जंगल में बैठे थे. रणथंभौर नेशनल पार्क, जहां 60 से अधिक बाघों के साथ-साथ तेंदुए, भालू और दलदली मगरमच्छों की अच्छी खासी आबादी है, जिसमें यह घटना बेहद डरावनी थी. पर्यटक शाम 6 बजे से 7:30 बजे तक जंगल में फंसे रहे, जब तक कि उनकी अंततः सुरक्षित निकासी नहीं हुई.
पर्यटकों ने सुनाई अपनी आपबीती
पर्यटकों ने बताया कि गाइड ने वाहन छोड़ने से पहले मदद का वादा किया, लेकिन वह वापस नहीं लौटा. एक पर्यटक, मोहित, ने जिप्सी में लिफ्ट लेकर जंगल से बाहर निकलकर वन अधिकारियों को सूचित किया. पर्यटकों ने आरोप लगाया कि उनका गाइड यह कहकर गाड़ी छोड़कर चला गया कि वह दूसरा कैंटर लगवा देगा, लेकिन बदसलूकी करने के बाद भाग गया.हालांकि, एक अन्य कैंटर चालक ने मदद के लिए मनमानी राशि की मांग की. आखिरकार, अधिकारियों ने एक बिना हेडलाइट वाले कैंटर को टॉर्च की रोशनी में भेजकर पर्यटकों को बचाया. पर्यटकों का कहना है कि समय पर मदद न मिलती तो बड़ा हादसा हो सकता था.
वन विभाग ने की सख्त कार्रवाई
इस दौरान रणथंभौर टाइगर रिजर्व के फील्ड डायरेक्टर और मुख्य वन संरक्षक अनूप के.आर. ने कहा, 'पार्क में पर्यटकों की सुरक्षा सबसे पहली प्राथमिकता है. उन्होंने स्पष्ट किया कि नियमों का उल्लंघन करने वाले किसी भी गाइड या ड्राइवर के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी और भविष्य में ऐसी लापरवाही बर्दाश्त नहीं होगी. रणथंभौर टाइगर रिजर्व के डीएफओ (पर्यटन) प्रमोद धाकड़ ने बताया कि इस घटना की जांच के बाद तीन कैंटर चालकों - लियाकत अली, शहजाद, और कन्हैया - और गाइड मुकेश की पार्क में प्रवेश पर रोक लगा दी गई है.