menu-icon
India Daily

Honey Trap Case: हनीट्रैप का शिकार बना नेवी डॉकयार्ड का युवक, मुंबई हाईकोर्ट ने दी बेल; सोशल मीडिया पर अलर्ट रहने की सलाह

Honey Trap In Mumbai: बॉम्बे हाई कोर्ट ने आज के युवा पीढ़ी को बढ़ते जालसाजी के खतरों से सचेत किया और कहा कि आरोपियों ने बिना किसी बुरे इरादे के सीमित जानकारी दी है.

auth-image
Edited By: Ritu Sharma
Honey Trap
Courtesy: Social Media

Honey Trap In Mumbai: बॉम्बे हाईकोर्ट ने मंगलवार को मुंबई स्थित नौसेना डॉकयार्ड के 23 वर्षीय पूर्व प्रशिक्षु को जमानत दे दी, जिसे पाकिस्तानी खुफिया एजेंटों द्वारा हनीट्रैप में फंसाकर गोपनीय जानकारी साझा करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था. वहीं जमानत देते हुए न्यायमूर्ति मिलिंद जाधव ने सोशल मीडिया के ज़रिए युवाओं को फंसाने वाले हनीट्रैप के मामलों पर गंभीर चिंता जताई. उन्होंने कहा, ''यह हनी ट्रैप का एक क्लासिक मामला है, जिससे आज के युवाओं को सावधान रहना चाहिए.''

बताते चले कि आगे अदालत ने चेताया कि सोशल मीडिया पर अनजान लोगों से मिलने वाले प्रशंसात्मक या चापलूसी भरे मैसेज हनीट्रैपिंग के संकेत हो सकते हैं. कोर्ट ने कहा, ''सोशल मीडिया की लत में डूबे युवाओं को सतर्क रहना चाहिए, क्योंकि ऐसे मैसेज के जरिए उन्हें फंसाया जा सकता है.''

क्या है पूरा मामला

बता दें कि आतंकवाद निरोधी दस्ते (ATS) को मिली जानकारी के अनुसार, आरोपी ने अप्रैल से अक्टूबर 2023 के बीच व्हाट्सएप और फेसबुक पर आरती शर्मा और पायल एंजेल नाम की महिलाओं से दोस्ती की थी. वे खुद को शिपिंग कंपनी में काम करने वाली बताती थीं. इन महिलाओं ने आरोपी से नौसेना जहाजों की स्थिति, इंजन के रेखाचित्र और पनडुब्बियों से जुड़ी जानकारी साझा करवाने की कोशिश की. बाद में पता चला कि इन खातों को पाकिस्तानी एजेंट्स चला रहे थे.

हालांकि, इस मामले के बाद आरोपी के वकील विरल राठौड़ ने कहा कि उसका मुवक्किल बेगुनाह है और उसे असली पहचान का पता नहीं था. उन्होंने कहा, ''जानकारी साझा करना दुर्भावना से नहीं किया गया था, उसे वे महिलाएं सोशल मीडिया फ्रेंड लग रही थीं.'' वहीं प्रॉसिक्यूशन पक्ष का कहना था कि आरोपी की हरकतों से राष्ट्रीय सुरक्षा को खतरा हुआ. साथ ही, कोर्ट ने माना कि आरोपी को बहकाया गया और उसने जांच में सहयोग किया.