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India Daily

'हमें मराठा आरक्षण दो या गोली मार दो', मुंबई के आजाद मैदान से मनोज जरांगे करेंगे बड़ा प्रदर्शन, 1500 पुलिसवाले तैनात

मुंबई पुलिस ने जारेंज को आज सुबह 9 बजे से शाम 6 बजे तक आजाद मैदान में शांतिपूर्ण विरोध प्रदर्शन करने की अनुमति दे दी है. शाम 6 बजे के बाद सभी प्रदर्शनकारियों को वहां से चले जाना होगा.

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Edited By: Reepu Kumari
Mumbai Maratha reservation movement
Courtesy: X

Maratha Reservation Movement: एक तरफ मुंबई में जोरदार बारिश तो दुसरी और आज मराठा समुदाय एक बड़ा आंदोलन कर रहा है. आरक्षण की मांग को लेकर यह आंदोलन किया जा रहा है. इस आंदोलन का नेतृत्व सामाजिक कार्यकर्ता मनोज जरांगे कर रहे हैं. मांग है कि सरकार ओबीसी श्रेणी के तहत मराठों को 10% आरक्षण दे. मध्य रेलवे के विशाल छत्रपति शिवाजी महाराज टर्मिनस के पास स्थित प्रतिष्ठित स्थल पर बड़ी संख्या में प्रदर्शनकारी पहुंच चुके हैं.

हालांकि पुलिस ने उन्हें शाम 6 बजे तक विरोध प्रदर्शन करने की अनुमति दी है. लेकिन प्रदर्शनकारियों ने कसम खाई है कि वे तब तक स्थल नहीं छोड़ेंगे जब तक आरक्षण आंदोलन की जीत नहीं हो जाती.

'आरक्षण...दो या गोली मार दो'

43 वर्षीय अभिनेता हजारों समर्थकों के साथ शुक्रवार सुबह शहर पहुंचे, जहां उनका भव्य स्वागत किया गया. आरक्षण आंदोलन में भाग लेने के लिए आजाद मैदान पहुंचे नांदेड़ के किसान मारुति पाटिल ने शुक्रवार को समाचार एजेंसी पीटीआई से कहा, 'अगर आप हमें आरक्षण नहीं दे सकते, तो हमें गोली मार दीजिए.'

भारी बारिश के बीच आंदोलन 

पाटिल और उनके जैसे कई अन्य लोगों ने जारेंज को समर्थन देने के लिए बारिश का सामना किया, उनमें से कई ने पेड़ों के नीचे, फुटपाथों पर और सीएसएमटी के पास मेट्रो के अंदर शरण ली. 40 वर्षीय पाटिल ने गुरुवार रात आजाद मैदान में पीटीआई से कहा, 'अगर आप हमें आरक्षण नहीं दे सकते, तो हम जीना नहीं चाहते. सरकार को इस बात का कोई अंदाजा नहीं है कि हमारा जीवन कितना कठिन है.'

'हमारी परीक्षा नहीं लेनी चाहिए'

निम्बालकर ने कहा कि सरकार को एक ही दिन में ओबीसी कोटे से मराठों को आरक्षण देना चाहिए. उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस को इस बात का 'कोई अंदाजा नहीं' है कि यह आंदोलन कितना बड़ा हो जाएगा.

'हमारी परीक्षा नहीं लेनी चाहिए'

निंबालकर ने कहा, 'उन्हें हमारी परीक्षा नहीं लेनी चाहिए. अगर वह हमें आरक्षण नहीं दे सकते तो उन्हें मुख्यमंत्री पद छोड़ देना चाहिए.' बीड निवासी बालासाहेब देशमुख ने कहा कि मराठा समुदाय संघर्ष कर रहा है और अपने बच्चों को उचित शिक्षा देने में असमर्थ है. जरांगे चाहते हैं कि सभी मराठों को कुनबी के रूप में मान्यता दी जाए - जो ओबीसी श्रेणी में शामिल एक कृषि प्रधान जाति है - जिससे वे सरकारी नौकरियों और शिक्षा में आरक्षण के पात्र बन जाएंगे.

सैकड़ों वाहनों के साथ, 43 वर्षीय जारंगे बुधवार को जालना जिले के अपने गांव अंतरवाली सरती से निकले और शुक्रवार सुबह मुंबई पहुँचे. पुलिस ने उनकी 40 शर्तों पर सहमति जताने के बाद उन्हें अनुमति दी - जिनमें किसी भी तरह की कानून-व्यवस्था की स्थिति से बचना, वाहनों की आवाजाही में बाधा न डालना और "आपत्तिजनक" नारे लगाने से बचना शामिल था.

शाम 6 बजे तक आंदोलन की इजाजत 

मुंबई पुलिस ने जारेंज को आज सुबह 9 बजे से शाम 6 बजे तक आजाद मैदान में शांतिपूर्ण विरोध प्रदर्शन करने की अनुमति दे दी है. शाम 6 बजे के बाद सभी प्रदर्शनकारियों को वहां से चले जाना होगा.

पुलिस ने यह भी शर्त रखी कि प्रदर्शनकारियों के केवल पांच वाहन ही आजाद मैदान की ओर जा सकते हैं और वहां प्रदर्शनकारियों की संख्या 5,000 से अधिक नहीं होनी चाहिए.

1,500 से अधिक मुंबई पुलिसकर्मी  तैनात 

अधिकारियों की मानें तो जारांगे के आंदोलन से पहले कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए आजाद मैदान में 1,500 से अधिक मुंबई पुलिस कर्मियों को तैनात किया गया है.रेलवे पुलिस ने बताया कि निकटवर्ती छत्रपति शिवाजी महाराज टर्मिनस पर भी सुरक्षा बढ़ा दी गई है, जहां महाराष्ट्र के दूरदराज इलाकों से आरक्षण आंदोलन समर्थक पहुंचे हैं.

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