भारत सरकार ने गुरुवार (17 जुलाई) को केरल की 36 वर्षीय नर्स निमिषा प्रिया के मामले में अपनी स्थिति स्पष्ट की, जो यमन में एक स्थानीय नागरिक की हत्या के आरोप में मौत की सजा का सामना कर रही हैं. भारत सरकार ने इस मामले को अत्यंत संवेदनशील बताया और कहा कि वह मित्र देशों के साथ इस मुद्दे पर लगातार संपर्क में है. निमिषा की फांसी, जो 16 जुलाई को निर्धारित थी, उनको यमन के स्थानीय अधिकारियों ने अस्थायी रूप से टाल दिया है.
भारत सरकार का रुख
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने साप्ताहिक प्रेस ब्रीफिंग में कहा कि सरकार इस मामले में निमिषा के परिवार को हर संभव सहायता प्रदान कर रही है. उन्होंने कहा, "यह एक संवेदनशील मामला है और भारत सरकार इस मामले में हर संभव मदद दे रही है. हमने कानूनी सहायता प्रदान की है और परिवार की मदद के लिए एक वकील नियुक्त किया है. हमने नियमित कांसुलर विजिट की व्यवस्था की है और स्थानीय अधिकारियों तथा परिवार के सदस्यों के साथ लगातार संपर्क में हैं ताकि इस मुद्दे का समाधान हो सके.
"सुलह के लिए प्रयास
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने बताया कि हाल के दिनों में सरकार ने निमिषा के परिवार को दूसरी पक्ष के साथ आपसी सहमति से समाधान तक पहुंचने के लिए अतिरिक्त समय दिलाने के लिए गंभीर प्रयास किए हैं. यमन के स्थानीय अधिकारियों ने इस दिशा में सहयोग करते हुए निमिषा की सजा को अस्थायी रूप से स्थगित कर दिया है. सरकार इस मामले पर बारीकी से नजर रख रही है और सभी संभव सहायता प्रदान कर रही है. जायसवाल ने आगे कहा, "हम कुछ मित्र देशों के साथ भी संपर्क में हैं.
"आगे की कैसी रहेगी राह!
निमिषा प्रिया का मामला जटिल और संवेदनशील बना हुआ है. भारत सरकार का यह कदम न केवल निमिषा के लिए बल्कि उनके परिवार के लिए भी एक उम्मीद की किरण लाया है. सरकार का निरंतर प्रयास और मित्र देशों के साथ सहयोग इस मामले में सकारात्मक परिणाम की उम्मीद जगाता है.
जानें अब तक क्या-क्या हुआ!
सोमवार को सुप्रीम कोर्ट में मामले पर केंद्र सरकार की ओर से दलील देते हुए भारत के अटॉर्नी जनरल (एजीआई) ने कहा कि भारत सरकार प्रिया की मदद के लिए हर संभव प्रयास कर रही है. उन्होंने अदालत को यह भी बताया कि प्रिया के मामले को देख रहे सरकारी अभियोजक सहित यमन के अधिकारियों के साथ बातचीत चल रही है, ताकि जब तक बातचीत आगे नहीं बढ़ जाती, फांसी के आदेश को निलंबित रखा जा सके.