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'इमरजेंसी लगाने वालों ने ना सिर्फ हमारे संविधान की हत्या की बल्कि उनका इरादा...', मन की बात में पीएम मोदी

पीएम मोदी ने विभिन्न स्थानों पर मनाए गए योग दिवस के खास क्षणों को साझा करते हुए कहा कि हिमालय की चोटियों से लेकर समुद्र तटों तक योग की सुंदर छटा बिखरी. उन्होंने बताया कि वडनगर में 2121 लोगों ने एक साथ भुजंगासन कर नया रिकॉर्ड बनाया.

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Edited By: Reepu Kumari
PM Modi Mann Ki Baat 2025
Courtesy: Pinterest

PM Modi Mann Ki Baat 2025: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को प्रसारित अपने लोकप्रिय रेडियो कार्यक्रम 'मन की बात' के 123वें एपिसोड में योग दिवस की भव्यता और इसके वैश्विक प्रभाव पर विस्तार से चर्चा की. उन्होंने कहा कि "आप सब इस समय योग की ऊर्जा और 'अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस' की स्मृतियों से भरे होंगे." इस अवसर पर उन्होंने यह भी याद दिलाया कि 10 साल पहले शुरू हुआ यह प्रयास अब एक जनांदोलन बन चुका है, जो हर साल पहले से भी अधिक भव्य रूप लेता जा रहा है.

पीएम मोदी ने बताया कि इस बार की थीम थी 'Yoga for One Earth, One Health', यानी 'एक पृथ्वी - एक स्वास्थ्य'. उन्होंने कहा कि, “ये सिर्फ एक नारा नहीं है, ये एक दिशा है जो हमें ‘वसुधैव कुटुंबकम’ का एहसास कराती है.'

भारत और विश्व में योग की अनूठी झलक

पीएम मोदी ने विभिन्न स्थानों पर मनाए गए योग दिवस के खास क्षणों को साझा करते हुए कहा कि हिमालय की चोटियों से लेकर समुद्र तटों तक योग की सुंदर छटा बिखरी. उन्होंने बताया कि वडनगर में 2121 लोगों ने एक साथ भुजंगासन कर नया रिकॉर्ड बनाया. न्यूयॉर्क, लंदन, टोक्यो और पेरिस जैसे शहरों में भी योग का उत्साह देखा गया.

विशाखापत्तनम के समुद्र तट पर तीन लाख लोगों द्वारा सामूहिक योग और दो हजार से ज्यादा आदिवासी छात्रों द्वारा 108 मिनट में 108 सूर्य नमस्कार किए जाने का उल्लेख करते हुए पीएम ने कहा, “सोचिए, कितना अनुशासन, कितना समर्पण रहा होगा.”

योग बना सशक्तिकरण का माध्यम

तेलंगाना में 3000 दिव्यांगों ने एक साथ योग शिविर में भाग लिया, जिसे पीएम मोदी ने एक प्रेरणादायक उदाहरण बताया. साथ ही दिल्ली में यमुना किनारे पर योग कर लोगों ने पर्यावरण और स्वास्थ्य को जोड़ने का एक सराहनीय प्रयास किया. उन्होंने कहा, 'हमारे नौसेना के जहाजों पर भी योग की भव्य झलक दिखी.'

50 साल बाद याद दिलाई इमरजेंसी की कड़वी याद

पीएम मोदी ने कार्यक्रम में आपातकाल के 50 साल पूरे होने पर भी टिप्पणी की. उन्होंने कहा, 'आपातकाल में लोकतंत्र की हत्या की गई और भारत के लोगों को परेशान किया गया.' उन्होंने यह भी जोड़ा कि, 'जो आपातकाल थोपने वाले थे, वो आज पराजित हो गए हैं.'

धार्मिक यात्राओं से जुड़ा 'सेवा भाव'

पीएम मोदी ने देश की प्रमुख धार्मिक यात्राओं पर भी प्रकाश डाला. उन्होंने कहा, “जब कोई तीर्थयात्रा पर निकलता है, तो सबसे पहले मन में आता है – चलो, बुलावा आया है.” उन्होंने भगवान जगन्नाथ की रथयात्रा से लेकर उत्तर-दक्षिण और पूर्व-पश्चिम की यात्राओं को 'एक भारत-श्रेष्ठ भारत' का प्रतीक बताया.

सावन के महीने की चर्चा

अपने संबोधन के अंत में पीएम ने कहा, 'कुछ ही दिन में सावन का पवित्र महीना आने वाला है. मैं यात्राओं पर जा रहे सभी सौभाग्यशाली श्रद्धालुओं को अपनी शुभकामनाएं देता हूं.'