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India Daily

गोवा नाइटक्लब अग्निकांड: लूथरा ब्रदर्स को 48 घंटे की ट्रांजिट रिमांड, 25 लोगों की हुई थी मौत

गोवा नाइटक्लब अग्निकांड मामले में दिल्ली की अदालत ने लूथरा ब्रदर्स को 48 घंटे की ट्रांजिट रिमांड पर गोवा पुलिस को सौंपा. हादसे में 25 लोगों की मौत हुई थी.

Kuldeep Sharma
Edited By: Kuldeep Sharma
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Courtesy: social media

नई दिल्ली: गोवा के चर्चित नाइटक्लब अग्निकांड मामले में एक अहम कानूनी घटनाक्रम सामने आया है. दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट ने क्लब के मालिक सौरभ और गौरव लूथरा को 48 घंटे की ट्रांजिट रिमांड पर गोवा पुलिस को सौंपने की अनुमति दे दी है. 

दोनों भाइयों को थाईलैंड से डिपोर्ट किए जाने के बाद दिल्ली लाया गया था. इस हादसे में 25 लोगों की दर्दनाक मौत हुई थी, जिसने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया.

अदालत में पेशी और रिमांड

थाईलैंड से भारत लाए जाने के बाद लूथरा ब्रदर्स को दिल्ली के इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर गिरफ्तार किया गया. इसके बाद गोवा पुलिस और दिल्ली क्राइम ब्रांच की टीम उन्हें पटियाला हाउस कोर्ट लेकर पहुंची. अदालत ने मामले की गंभीरता को देखते हुए गोवा पुलिस को 48 घंटे की ट्रांजिट रिमांड मंजूर की, ताकि आगे की जांच के लिए उन्हें गोवा ले जाया जा सके.

परिवार से मुलाकात पर भावुक हुए आरोपी

अदालत परिसर में पेशी के दौरान सौरभ और गौरव लूथरा अपने परिजनों से आमने-सामने हुए. इस दौरान दोनों भाई भावुक हो गए और फूट-फूटकर रोते नजर आए. कोर्ट रूम का यह दृश्य काफी संवेदनशील था. जांच एजेंसियों के अनुसार, आरोपियों की मानसिक स्थिति पर भी नजर रखी जा रही है, हालांकि पूछताछ में किसी तरह की ढील नहीं दी जाएगी.

थाईलैंड से वापसी की पूरी कहानी

जांच में सामने आया है कि 6 दिसंबर को नाइटक्लब में आग लगने के कुछ ही घंटों बाद दोनों भाई देश छोड़कर थाईलैंड भाग गए थे. वहां वैध यात्रा दस्तावेज न होने के कारण थाई अधिकारियों ने उन्हें हिरासत में लिया. बाद में भारत सरकार ने उनके पासपोर्ट जब्त किए और इमरजेंसी सर्टिफिकेट जारी कर उन्हें बैंकॉक से दिल्ली वापस लाया गया.

कैसे लगी थी नाइटक्लब में आग

पुलिस और अग्निशमन विभाग की शुरुआती जांच में सामने आया कि नाइटक्लब में चल रहे कार्यक्रम के दौरान इलेक्ट्रिक फायरक्रैकर्स का इस्तेमाल किया गया. चिंगारियां लकड़ी की छत से टकराईं और कुछ ही पलों में आग ने भयावह रूप ले लिया. उस समय क्लब के अंदर 150 से ज्यादा लोग मौजूद थे, जिससे अफरा-तफरी मच गई और 25 लोगों की जान चली गई.

अवैध संचालन और जांच का दायरा

गोवा पुलिस का दावा है कि संबंधित नाइटक्लब करीब 18 महीनों से बिना जरूरी मंजूरी के चल रहा था. क्लब का लाइसेंस 2024 में ही समाप्त हो चुका था, जिसे नवीनीकृत नहीं कराया गया. इसके बावजूद संचालन जारी रहा. मामले में पहले ही कई गिरफ्तारियां हो चुकी हैं, जिनमें एक कारोबारी पार्टनर और सीनियर मैनेजमेंट स्टाफ शामिल हैं. जांच अभी जारी है.