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India Daily

केरल तट पर पलटा लाइबेरियाई जहाज, 100 से ज्यादा कंटेनर समुद्र में गिरे, तेल रिसाव और खतरे को लेकर प्रशासन अलर्ट

केरल के तट पर लाइबेरियाई ध्वज वाले कंटेनर जहाज एमएससी ईएलएसए 3 के डूबने के बाद रविवार को एक उच्च स्तरीय बैठक की गई. बैठक में अनुमान लगाया गया कि लगभग 100 कंटेनर समुद्र में बह गए हैं, जो अलप्पुझा, कोल्लम, एर्नाकुलम और तिरुवनंतपुरम के तटीय क्षेत्रों में पहुंच सकते हैं. 

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Edited By: Garima Singh
Liberian ship
Courtesy: x

Liberian ship capsized on Kerala coast: केरल के तट पर लाइबेरियाई ध्वज वाले कंटेनर जहाज एमएससी ईएलएसए 3 के डूबने के बाद रविवार को एक उच्च स्तरीय बैठक की गई. मुख्य सचिव डॉ. ए. जयतिलक की अध्यक्षता में हुई इस बैठक में अनुमान लगाया गया कि लगभग 100 कंटेनर समुद्र में बह गए हैं, जो अलप्पुझा, कोल्लम, एर्नाकुलम और तिरुवनंतपुरम के तटीय क्षेत्रों में पहुंच सकते हैं. 

तटरक्षक बल ने अपनी आधिकारिक एक्स पोस्ट में बताया कि जहाज में 13 कंटेनरों में "खतरनाक माल" और 12 कंटेनरों में कैल्शियम कार्बाइड था. इसके अलावा, जहाज के टैंकों में "84.44 मीट्रिक टन डीजल और 367.1 मीट्रिक टन फर्नेस ऑयल" मौजूद था. शनिवार को कोच्चि से 38 समुद्री मील दूर जहाज झुकने लगा और रविवार को पूरी तरह पलट गया. सौभाग्य से, सभी चालक दल के सदस्यों को सुरक्षित बचा लिया गया. 

तेल रिसाव का खतरा 

केरल के मुख्यमंत्री कार्यालय ने बयान जारी कर कहा, "क्योंकि तेल का रिसाव केरल तट पर कहीं भी पहुंच सकता है, इसलिए तटीय क्षेत्र में अलर्ट जारी कर दिया गया है. कंटेनर 3 किलोमीटर प्रति घंटे की गति से समुद्र में बह रहे हैं. इसके अलावा, गिरे हुए कंटेनरों में तेल और जहाज में इस्तेमाल होने वाला समुद्री ईंधन भी लीक हो गया है. तटरक्षक बल ने तेल रिसाव को रोकने के लिए दो जहाज और एक डोर्नियर विमान तैनात किया है. 

मछली पकड़ने पर प्रतिबंध

बैठक में बताया गया कि जहाज अलपुझा के थोट्टापल्ली तट से 14.6 समुद्री मील दूर पूरी तरह डूब गया है. इसके चलते डूबे हुए जहाज से 20 समुद्री मील के दायरे में मछली पकड़ने पर रोक लगा दी गई है. यह प्रतिबंध भारी बारिश के कारण पहले से लागू मछली पकड़ने संबंधी निर्देशों के अतिरिक्त है. 

तेल रिसाव रोकने के उपाय

तटरक्षक बल के महानिदेशक, जो राष्ट्रीय तेल रिसाव प्रतिक्रिया योजना के अध्यक्ष भी हैं, तेल रिसाव को नियंत्रित करने के लिए आवश्यक कदम उठा रहे हैं. तटीय निवासियों और मछुआरों को सलाह दी गई है कि वे समुद्र तट पर पहुंचने वाले कंटेनरों या वस्तुओं को न छुएं और उनसे कम से कम 200 मीटर की दूरी बनाए रखें. 

प्रशासनिक तैयारियां

बैठक में निर्णय लिया गया कि यदि कंटेनर तट पर बहकर आते हैं, तो कारखाना एवं बॉयलर विभाग दक्षिणी और मध्य केरल के जिलों में दो-दो और उत्तरी जिलों में एक-एक त्वरित प्रतिक्रिया दल (आरआरटी) तैयार रखेगा. तटरक्षक बल, बंदरगाह विभाग और नौसेना को तेल रिसाव को रोकने के लिए तैरते अवरोध (नियंत्रण बूम), स्किमर और अन्य संसाधन जुटाने के निर्देश दिए गए हैं.  जिलों और विभागों को कंटेनरों, तेल के छींटों और समुद्र तल में जाने वाले तेल को संभालने के लिए विशेष दिशा-निर्देश जारी किए गए हैं. 

मुख्य सचिव डॉ. ए. जयतिलक की अध्यक्षता में हुई इस बैठक में अनुमान लगाया गया कि लगभग 100 कंटेनर समुद्र में बह गए हैं, जो अलप्पुझा, कोल्लम, एर्नाकुलम और तिरुवनंतपुरम के तटीय क्षेत्रों में पहुंच सकते हैं. 

तटरक्षक बल ने अपनी आधिकारिक एक्स पोस्ट में बताया कि जहाज में 13 कंटेनरों में "खतरनाक माल" और 12 कंटेनरों में कैल्शियम कार्बाइड था. इसके अलावा, जहाज के टैंकों में "84.44 मीट्रिक टन डीजल और 367.1 मीट्रिक टन फर्नेस ऑयल" मौजूद था. शनिवार को कोच्चि से 38 समुद्री मील दूर जहाज झुकने लगा और रविवार को पूरी तरह पलट गया. सौभाग्य से, सभी चालक दल के सदस्यों को सुरक्षित बचा लिया गया. 

तेल रिसाव का खतरा 

केरल के मुख्यमंत्री कार्यालय ने बयान जारी कर कहा, "क्योंकि तेल का रिसाव केरल तट पर कहीं भी पहुंच सकता है, इसलिए तटीय क्षेत्र में अलर्ट जारी कर दिया गया है. कंटेनर 3 किलोमीटर प्रति घंटे की गति से समुद्र में बह रहे हैं. इसके अलावा, गिरे हुए कंटेनरों में तेल और जहाज में इस्तेमाल होने वाला समुद्री ईंधन भी लीक हो गया है. तटरक्षक बल ने तेल रिसाव को रोकने के लिए दो जहाज और एक डोर्नियर विमान तैनात किया है. 

मछली पकड़ने पर प्रतिबंध

बैठक में बताया गया कि जहाज अलपुझा के थोट्टापल्ली तट से 14.6 समुद्री मील दूर पूरी तरह डूब गया है. इसके चलते डूबे हुए जहाज से 20 समुद्री मील के दायरे में मछली पकड़ने पर रोक लगा दी गई है. यह प्रतिबंध भारी बारिश के कारण पहले से लागू मछली पकड़ने संबंधी निर्देशों के अतिरिक्त है. 

तेल रिसाव रोकने के उपाय

तटरक्षक बल के महानिदेशक, जो राष्ट्रीय तेल रिसाव प्रतिक्रिया योजना के अध्यक्ष भी हैं, तेल रिसाव को नियंत्रित करने के लिए आवश्यक कदम उठा रहे हैं. तटीय निवासियों और मछुआरों को सलाह दी गई है कि वे समुद्र तट पर पहुंचने वाले कंटेनरों या वस्तुओं को न छुएं और उनसे कम से कम 200 मीटर की दूरी बनाए रखें. 

प्रशासनिक तैयारियां

बैठक में निर्णय लिया गया कि यदि कंटेनर तट पर बहकर आते हैं, तो कारखाना एवं बॉयलर विभाग दक्षिणी और मध्य केरल के जिलों में दो-दो और उत्तरी जिलों में एक-एक त्वरित प्रतिक्रिया दल (आरआरटी) तैयार रखेगा. तटरक्षक बल, बंदरगाह विभाग और नौसेना को तेल रिसाव को रोकने के लिए तैरते अवरोध (नियंत्रण बूम), स्किमर और अन्य संसाधन जुटाने के निर्देश दिए गए हैं.  जिलों और विभागों को कंटेनरों, तेल के छींटों और समुद्र तल में जाने वाले तेल को संभालने के लिए विशेष दिशा-निर्देश जारी किए गए हैं.