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India Daily

लोकसभा में ऑनलाइन गेमिंग विधेयक 2025 पारित होने के बाद इन भारतीय ऐप्स पर पड़ेगा असर

लोकसभा ने ऑनलाइन गेमिंग बिल 2025 पास कर दिया है, जिसके बाद ड्रीम11, रमी सर्कल और विन्ज़ो जैसे लोकप्रिय ऐप्स पर बैन लग सकता है. यह कानून पास होने पर भारत के 25 हजार करोड़ रुपये से ज्यादा के निवेश और लाखों नौकरियों पर खतरा मंडरा रहा है.

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Edited By: Kuldeep Sharma
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Courtesy: web

भारत की तेजी से बढ़ती ऑनलाइन गेमिंग इंडस्ट्री को एक बड़ा झटका लग सकता है. लोकसभा ने मंगलवार को ‘ऑनलाइन गेमिंग (प्रमोशन और रेगुलेशन) बिल 2025’ पास कर दिया. इस बिल में सभी रीयल-मनी गेम्स (RMGs) पर पूर्ण प्रतिबंध लगाने का प्रावधान है. यानी ऐसे सभी ऑनलाइन गेम जिनमें लोग पैसा लगाकर नकद इनाम जीतने की उम्मीद रखते हैं, अब बैन की जद में आ जाएंगे. सरकार का तर्क है कि यह कदम युवा पीढ़ी को नशे जैसी लत से बचाने और अवैध सट्टेबाजी को रोकने के लिए ज़रूरी है.

इस बिल के लागू होते ही भारत के सबसे बड़े फैंटेसी और रमी प्लेटफॉर्म प्रभावित होंगे. इनमें Dream11, My11Circle, Howzat, SG11 Fantasy, WinZO, RummyCircle, Junglee Rummy, PokerBaazi, RummyCulture, और MyTeam11 जैसे नाम शामिल हैं. अकेले Dream11 के 10 करोड़ से ज्यादा यूजर्स हैं, जबकि WinZO के 5 करोड़ से ऊपर डाउनलोड्स हैं. इन कंपनियों में विदेशी निवेशक भी बड़े स्तर पर पैसा लगा चुके हैं, जो अब खतरे में आ गया है.

निवेश और टैक्स रेवेन्यू पर असर

भारत की गेमिंग इंडस्ट्री से सरकार को हर साल करीब 20 हजार करोड़ रुपये जीएसटी के रूप में मिलते हैं. कुल इंडस्ट्री का 86% हिस्सा सिर्फ रीयल-मनी गेमिंग से आता है. रिपोर्ट्स के अनुसार, इस सेक्टर में अब तक 25 हजार करोड़ रुपये से ज्यादा का विदेशी निवेश (FDI) हो चुका है. अगर यह कानून लागू होता है, तो न केवल यह निवेश डूब सकता है, बल्कि लगभग दो लाख से ज्यादा नौकरियां भी खतरे में पड़ जाएंगी.

इंडस्ट्री के लोगों ने जताई नाराज़गी

ऑनलाइन गेमिंग कंपनियों और इंडस्ट्री बॉडीज़ ने इस फैसले पर कड़ा विरोध जताया है. उनका कहना है कि भारत की गेमिंग मार्केट 3.7 बिलियन डॉलर की है और इसमें भारी संभावनाएं हैं. ऐसे में पूरा बैन लगाना सही समाधान नहीं है. उनका सुझाव है कि सरकार गेमिंग को नियंत्रित करने और जिम्मेदारी से चलाने के लिए गाइडलाइन बनाए, न कि सीधे इसे खत्म कर दे.

सरकार का पक्ष क्या है?

सरकार का मानना है कि ऑनलाइन रीयल-मनी गेम्स युवा पीढ़ी को लत और आर्थिक नुकसान की ओर धकेल रहे हैं. कई मामलों में खिलाड़ी कर्ज़ में डूब रहे हैं और अवैध बेटिंग नेटवर्क सक्रिय हो रहे हैं. केंद्र सरकार का तर्क है कि यह बिल उपभोक्ताओं की सुरक्षा, पारदर्शिता और सामाजिक हित के लिए ज़रूरी है. बिल अब राज्यसभा में जाएगा और राष्ट्रपति की मंजूरी के बाद यह कानून बन जाएगा.