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'कांग्रेस के पास दो तरह के घोड़े', गुजरात में जाकर राहुल गांधी ने क्यों सुनाई ये कहानी?

लोकसभा में विपक्ष के नेता और कांग्रेस सांसद राहुल गांधी गुजरात के दो दिवसीय दौरे पर हैं, जो 15 अप्रैल से शुरू हुआ है. इसका मकसद पार्टी के जमीनी नेटवर्क को मजबूत करने के उद्देश्य से एक पायलट पहल की शुरुआत करना है.

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Edited By: Mayank Tiwari
लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी
Courtesy: Social Media

लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने बुधवार को गुजरात दौरे के दौरान कांग्रेस पार्टी की भावी रणनीति स्पष्ट करते हुए कहा कि "भाजपा और आरएसएस को अगर कोई पराजित कर सकता है तो वह सिर्फ कांग्रेस पार्टी है. मोदासा में जिला कार्यकर्ता सम्मेलन को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि पार्टी गुजरात में हतोत्साहित जरूर दिखती है, लेकिन परिवर्तन यहीं से शुरू होगा.

गुजरात में नेतृत्व बदलेगा, संगठन में होगा पुनर्गठन

मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, कांग्रेस नेता और लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने बताया कि गुजरात में पार्टी नए नेतृत्व को सामने लाने जा रही है ताकि आंतरिक चुनौतियों का समाधान किया जा सके. उन्होंने कहा कि "पिछले कई महीनों से पार्टी को नए सिरे से खड़ा करने को लेकर मल्लिकार्जुन खरगे सहित वरिष्ठ नेताओं से चर्चा जारी है. यह सिर्फ राजनीतिक नहीं बल्कि वैचारिक लड़ाई भी है.

"अंदरूनी प्रतिस्पर्धा को खत्म कर, स्थानीय नेतृत्व को मिले अहमियत"

राहुल ने बैठक में स्वीकार किया कि कांग्रेस को अंदरूनी बदलाव की आवश्यकता है. उन्होंने कहा, "नेताओं के बीच नकारात्मक प्रतिस्पर्धा हो रही है, जो पार्टी को नुकसान पहुंचा रही है. टिकट वितरण में स्थानीय नेताओं को दरकिनार किया जा रहा है, इसे बदलना होगा.

"दूल्हे की घोड़ी रेस में और रेस की घोड़ी बारात में मत भेजिए"

कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने पार्टी के नेतृत्व संकट को समझाने के लिए रोचक उदाहरण दिया. उन्होंने कहा, "लोगों ने मुझसे कहा कि कांग्रेस कभी-कभी रेस में दूल्हे की घोड़ी भेज देती है और रेस की घोड़ी बारात में. उन्होंने ज़ोर देकर कहा कि "अब समय आ गया है कि सही नेता को सही भूमिका दी जाए. जिलों का संचालन स्थानीय स्तर पर हो और उम्मीदवारों व संगठन के बीच मजबूत रिश्ता बने.

"सिर्फ नेता नहीं, बूथ जीतने वाले चाहिए"

राहुल गांधी ने वरिष्ठ नेतृत्व पर व्यंग्य करते हुए कहा, "किसी ने कहा कि जब अहमदाबाद से कोई बड़ा नेता आता है, तो लोग कुछ दिनों के लिए सक्रिय हो जाते हैं, फिर जैसे जादू छूमंतर हो जाता है. ये वरिष्ठ नेता घूमते रहते हैं लेकिन बूथ नहीं जीत पाते.

BJP से जुड़े चेहरों को पार्टी से दूर किया जाएगा

राहुल ने कांग्रेस के भीतर भाजपा से सहानुभूति रखने वालों पर भी सवाल उठाए. उन्होंने कहा, "ऐसे कई लोग हैं जो भाजपा के करीब हैं, हमें उन्हें पहचान कर पार्टी से धीरे-धीरे दूर करना होगा.