नई दिल्ली: देश में वन नेशन, वन इलेक्शन की चर्चा तेज हो चली है. तमाम चर्चाओं और कयासों के बीच केंद्र सरकार ने वन नेशन, वन इलेक्शन कमेटी का नोटिफिकेशन जारी कर दिया है. पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद की अध्यक्षता में आठ सदस्यीय समिति बनाई गई है. इस बीच कानून मंत्रालय के अधिकारियों ने पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद से मुलाकात की है.
सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक कानून मंत्रालय के शीर्ष अधिकारियों ने पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद को एक देश एक चुनाव की प्रक्रिया पर ब्रीफ करते हुए समिति के एजेंडे के बारे में जानकारी साझा की.
राष्ट्रपति कोविंद से मुलाकात करने वाले कानून मंत्रालय के शीर्ष अधिकारियों में कानून सचिव नितेन चंद्रा, विधायी सचिव रीता वशिष्ठ और अन्य अधिकारी थे. जिन्होंने कोविंद को बताया कि यह समिति वन नेशन, वन इलेक्शन के एजेंडे पर किस तरह आगे बढ़ेंगी.
सरकार ने गठित की आठ सदस्यीय कमेटी
केंद्र सरकार ने लोकसभा, राज्य विधानसभाओं, नगर निकायों और पंचायतों के चुनाव एक साथ कराने के मुद्दे पर गौर करने के लिए 8 सदस्यीय समिति का गठन किया है. पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद की अध्यक्षता में आठ सदस्यीय समिति बनाई गई है. इस कमेटी में पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद कमेटी के चेयरमैन होगे. वहीं समिति में सदस्य गृह मंत्री अमित शाह, कांग्रेस सांसद अधीर रंजन चौधरी, पूर्व सीएम गुलाम नबी आजाद, वित्त आयोग के पूर्व चेयरमैन एनके सिंह, वरिष्ठ संविधानविद सुभाष सिंह कश्यप और देश के जाने माने वकील हरीश साल्वे और पूर्व केंद्रीय सतर्कता आयुक्त संजय कोठारी होंगे.
अधीर रंजन चौधरी ने कमेटी का हिस्सा नहीं बनने से किया इंकार
सियासी गलियारों में सुगबुगाहट है कि मोदी सरकार संसद के विशेष सत्र के दौरान वन नेशन, वन इलेक्शन का बिल ला सकती है. सरकार के इस कदम का विपक्ष की तमाम पार्टियों ने कड़ा विरोध जताया है. कांग्रेस सांसद अधीर रंजन चौधरी ने इस कमेटी का हिस्सा नहीं बनने को लेकर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को चिट्ठी लिखी है. अधीर रंजन ने कहा है कि मुझे उस समिति में काम करने से इनकार करने में कोई झिझक नहीं है. मुझे डर है कि यह पूरी तरह से धोखा है.
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