Kolkata Gang Rape: गुनाह करने के बाद कई प्रभावशाली लोगों से मिला मोनोजीत! घूम-घूमकर मांगता रहा मदद
Kolkata Gang Rape 2025: कोलकाता गैंगरेप के आरोपी मोनोजीत मिश्रा ने अपराध के तुरंत बाद कई प्रभावशाली लोगों से मदद मांगने की कोशिश की, लेकिन किसी ने साथ नहीं दिया. CDR और मोबाइल डेटा से पता चला कि वारदात की साजिश पहले से रची गई थी.

Kolkata Gang Rape 2025: कोलकाता के साउथ कलकत्ता लॉ कॉलेज में हुए गैंगरेप मामले में हर दिन नए खुलासे सामने आ रहे हैं. पुलिस जांच में अब यह बात सामने आई है कि गैंगरेप के अगले ही दिन, मुख्य आरोपी मोनोजीत मिश्रा ने कई "प्रभावशाली" लोगों से संपर्क कर मदद मांगने की कोशिश की, लेकिन उसे हर जगह से निराशा हाथ लगी.
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक पुलिस ने बताया कि 25 जून को लॉ कॉलेज परिसर में 24 वर्षीय प्रथम वर्ष की छात्रा के साथ गैंगरेप की घटना हुई थी. मामले में चार आरोपियों 19 वर्षीय मोनोजीत मिश्रा, 20 वर्षीय जैब अहमद प्रमित मुखर्जी और 55 वर्षीय सुरक्षा गार्ड पिनाकी बनर्जी को गिरफ्तार किया गया है और वे फिलहाल पुलिस हिरासत में हैं.
प्रभावशाली लोगों से मदद की अपील
जांच में पता चला है कि अपराध के बाद 26 जून को मोनोजीत शहर के कई इलाकों राशबिहारी, देशप्रिया पार्क, गरियाहाट, फर्न रोड और बल्लीगंज स्टेशन रोड में घूमता रहा. मोबाइल टावर डेटा से पुष्टि हुई है कि वह करया पुलिस स्टेशन के पास भी गया था. पुलिस को संदेह है कि वह वहां किसी प्रभावशाली व्यक्ति से मिलने गया था ताकि मामले से बच निकलने का कोई रास्ता निकाल सके.
गुरु ने किया मदद से इनकार
एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि देशप्रिया पार्क में मोनोजीत ने एक प्रभावशाली व्यक्ति से संपर्क किया, जिसे वह अपना "गुरु" मानता था, लेकिन उस व्यक्ति ने स्पष्ट रूप से मदद करने से इनकार कर दिया और मोनोजीत को पीछे हटने की सलाह दी.
पहले से रची थी साजिश
पुलिस को मिले कॉल डिटेल रिकॉर्ड से पता चला है कि तीनों मुख्य आरोपी मोनोजीत, जैब और प्रमित घटना से पहले लगातार संपर्क में थे. इससे साफ है कि बलात्कार की साजिश पहले से रची गई थी.
घटना की रात, छात्रा को कॉलेज के सुरक्षा गार्ड के कमरे में ले जाया गया, जहां तीनों ने गार्ड को बाहर रहने का आदेश दिया और छात्रा से कथित तौर पर गैंगरेप किया. घटना के बाद भी आरोपी उसी कमरे में रुके और शराब पीते रहे. बाद में उन्होंने गार्ड पिनाकी बनर्जी को चुप रहने के लिए मजबूर किया. अगली सुबह, वे ईएम बाईपास पर एक ढाबे पर खाना खाने गए और फिर अपने-अपने घर लौट गए.


