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India Daily
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झारखंड में 'ऑपरेशन लोटस' का भय! हैदराबाद भेजे जाएंगे 35 विधायक

गिरफ्तारी से पहले हेमंत सोरेन ने मुख्यमंत्री पद से अपना इस्तीफा दे दिया और एक वीडियो पोस्ट कर कहा कि मैं झुकूंगा नहीं...आखिरकार, सच्चाई की जीत होगी. उन्होंने कहा कि गरीबों, दलितों और आदिवासियों पर अत्याचार करने वाली सामंती व्यवस्था के खिलाफ युद्ध छेड़ने का समय आ गया है. 

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Om Pratap
Jharkhand Political Crisis

हाइलाइट्स

  • गिरफ्तारी के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट पहुंचे हेमंत
  • हेमंत सोरेन की याचिका पर कल होगी सुनवाई

Jharkhand Political Crisis: झारखंड में हेमंत सोरेन की गिरफ्तारी के बाद अब राज्य में 'ऑपरेशन कमल' की आहट दिखने लगी है. खबर है कि सत्तारूढ़ गठबंधन को अपने विधायकों में टूट की डर से उन्हें तेलंगाना भेजने की तैयारी में है. कहा जा रहा है कि विधायकों को जल्द ही गठबंधन के 35 विधायकों को हैदराबाद शिफ्ट किया जा सकता है.  

बता दें कि जमीन घोटाल से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में हेमंत सोरेन की गिरफ्तारी और उनके इस्तीफा देने के बाद राज्य की राजनीति में कभी भी बड़ा उलटफेर देखने को मिल सकता है. पहला उलटफेर ये कि सोरेन परिवार की कल्पना, सीता और बसंत सोरेन की जगह चंपई सोरेन को मुख्यमंत्री बनाया जा सकता है या फिर राज्य में सत्तारूढ़ गठबंधन में टूट हो सकती है, जिसके बाद राज्य में सत्ता परिवर्तन हो सकता है. कुछ मीडिया रिपोर्ट्स में राष्ट्रपति शासन की भी आशंका जताई गई है.

सरकार बनाने के लिए झारखंड का सियासी गणित

बता दें कि झारखंड में सराकर बनाने के लिए 41 विधायकों की जरूरत होती है. 81 सदस्यों वाली झारखंड विधानसभा में फिलहाल महागठबंधन (झारखंड मुक्ति मोर्चा, कांग्रेस, वाम दल और राजद) के विधायकों की संख्या 47 है. वहीं, विपक्षी दल भारतीय जनता पार्टी के पास 30 विधायक हैं. 

गिरफ्तारी के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट पहुंचे हेमंत, सुनवाई कल

उधर, मनी लॉन्ड्रिंग मामले में प्रवर्तन निदेशालय की ओर से गिरफ्तारी को चुनौती देने के लिए हेमंत सोरेन सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है. हेमंत की याचिका पर कल यानी शुक्रवार को सुनवाई होगी. उनकी ओर से सीनियर वकील कपिल सिब्बल ने याचिका दाखिल की है. इससे पहले कपिल सिब्बल ने झारखंड हाई कोर्ट में याचिका दाखिल की थी. वहीं, कपिल सिब्बल की याचिका जिक्र करते हुए सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि ED ने हजारों लोगों को गिरफ्तार किया है, हर कोई सुप्रीम कोर्ट नहीं आ सकता.

बता दें कि प्रवर्तन निदेशालय ने कथित भूमि धोखाधड़ी मामले में मनी लॉन्ड्रिंग के आरोप में सात घंटे से अधिक की पूछताछ के बाद सोरेन को गिरफ्तार कर लिया. गिरफ्तारी से पहले हेमंत सोरेन ने मुख्यमंत्री पद से अपना इस्तीफा दे दिया और एक वीडियो पोस्ट कर कहा कि मैं झुकूंगा नहीं...आखिरकार, सच्चाई की जीत होगी. उन्होंने कहा कि गरीबों, दलितों और आदिवासियों पर अत्याचार करने वाली सामंती व्यवस्था के खिलाफ युद्ध छेड़ने का समय आ गया है. सोरेन ने यह भी दावा किया कि जिस मनी लॉन्ड्रिंग मामले में उन्हें गिरफ्तार किया गया था, उससे उनका कोई लेना-देना नहीं है.