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अनुच्छेद 370 हटने के बाद जम्मू-कश्मीर में क्या-क्या बदला? 7 प्वाइंट में जानें सबकुछ

जम्मू-कश्मीर में जब आर्टिकल 370 लागू था, तब केंद्र सरकार के कई कानून और योजनाएं वहां लागू नहीं होती थीं. अब आर्टिकल 370 के रद्द किए जाने के बाद जम्मू-कश्मीर में केंद्र के 890 कानून लागू हैं. 

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Om Pratap
jammu and kashmir changed after removal of article 370

हाइलाइट्स

  • 370 हटने के बाद केंद्र की 890 कानून लागू
  • 370 रद्द होने के बाद हटाया गया विशेष झंडा

jammu and kashmir changed after article 370 removal: जम्मू कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाना कितना सही था? इसे लेकर सुप्रीम कोर्ट आज फैसला सुनाएगा. सुप्रीम कोर्ट बताएगा कि 5 अगस्त 2019 को लिया गया केंद्र सरकार का फैसला कितना संवैधानिक था? फैसले पहले ये जानते हैं कि अनुच्छेद 370 हटने के बाद जम्मू कश्मीर में कितना कुछ बदला है? केंद्र शासित प्रदेश में पिछले चार सालों में क्या-क्या बदलाव आए हैं? 

कृषि भूमि छोड़ जमीन खरीद सकते हैं राज्य के बाहर के लोग

2019 के मई में मोदी 2.0 सरकार बनने के करीब 3 महीने बाद ही केंद्र सरकार ने ऐतिहासिक फैसला लेते हुए जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटा दिया. जम्मू और कश्मीर को अलग-अलग केंद्र शासित प्रदेश बना दिया गया. कहा गया कि समय आने पर जम्मू कश्मीर को वापस राज्य का दर्जा दे दिया जाएगा.

5 अगस्त 2019 को मोदी सरकार ने जम्मू कश्मीर को विशेष दर्जा वाले सभी संवैधानिक प्रावधानों को रद्द कर दिया था. अनुच्छेद 370 के रद्द होने से पहले जम्मू-कश्मीर में राज्य के बाहर के लोग जमीन नहीं खरीद सकते थे. अनुच्छेद 370 रद्द होने के तुरंत बाद मोदी सरकार ने जम्मू और कश्मीर विकास अधिनियम में संशोधन किया और 'स्थायी निवासी' शब्द हटा दिया. एक अधिसूचना जारी कर कहा गया कि अब राज्य के बाहर के लोग भी यहां जमीन खरीद सकते हैं, बशर्तें जमीन कृषि भूमि न हो. 370 हटने के बाद बाहरी राज्य के 34 लोगों ने जम्मू, रियासी, उधमपुर और गांदरबल जिलों में संपत्तियां खरीदीं.

370 रद्द होने के बाद हटाया गया जम्मू-कश्मीर का झंडा

अनुच्छेद 370 हटाए जाने के बाद जम्मू और कश्मीर के सरकारी दफ्तरों पर से जम्मू-कश्मीर का झंडा हटा दिया गया और भारतीय ध्वज फहराया गया. दरअसल, विशेष दर्जे के तहत जम्मू और कश्मीर को अपना झंडा और संविधान अपनाने की अनुमति थी. जम्मू-कश्मीर इस संविधान के जरिए ही ये तय करता था कि राज्य में भारतीय संविधान के कौन से हिस्से राज्य पर लागू होंगे. विशेष दर्ज खत्म होने के बाद झंडा और अलग संविधान खत्म कर दिया गया.

घाटी में आतंकी घटनाओं की क्या स्थिति रही?

जम्मू कश्मीर पुलिस ने पिछले साल एक आंकड़ा जारी किया था. आंकड़ों में बताया गया कि 5 अगस्त 2016 से 4 अगस्त 2019 के बीच 930 आतंकी घटनाएं हुईं, 290 जवान शहीद हुए, जबकि 191 निर्दोष लोग मारे गए. वहीं, आर्टिकल 370 के हटाए जाने के बाद यानी 5 अगस्त 2019 से 4 अगस्त 2022 के बीच 617 आतंकी घटनाएं हुईं, जिसमें 174 जवान शहीद हुए, जबकि 110 निर्दोष लोगों की जान गई. जम्मू और कश्मीर सरकार की ओर से ये बताया गया कि साल 2021, 2022 और 2023 में भारी संख्या में पर्यटक यहां पहुंचे. 

इन्वेस्टमेंट, बिजनेस, प्रोजेक्ट्स का क्या रहा आंकड़ा?

अप्रैल 2022 में जम्मू-कश्मीर में ग्लोबल इन्वेस्टमेंट समिट का आयोजन किया गया था. समिट में 13 हजार 732 करोड़ रुपये के एमओयू पर हस्ताक्षर हुए थे. इसके अलावा, जम्मू-कश्मीर में प्राइवेट इन्वेस्टर्स ने 17 हजार रुपये का निवेश किया था. ये जानकारी खुद पीएम मोदी ने दी थी. कुल मिलाकर आर्टिकल 370 के रद्द किए जाने के बाद से अब तक 38 हजार करोड़ रुपये का इन्वेस्टमेंट जम्मू और कश्मीर में आ चुका है. 

गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने लोकसभा में जानकारी दी थी कि पीएम डेवलपमेंट पैकेज के तहत 58 हजार 477 करोड़ रुपये की लागत के 53 प्रोजेक्ट्स जम्मू और कश्मीर में शुरू किए गए हैं. करोड़ों रुपये के ये प्रोजेक्ट्स सड़क, पावर प्लांट, हेल्थ, एजुकेशन, टूरिज्म, एग्रीकल्चर और स्किल डेवलपमेंट से संबंधित हैं.

आर्टिकल 370 के बाद कितनी नौकरियां?

2022 में केंद्रीय गृह मंत्रालय ने राज्यसभा में जानकारी दी थी कि अगस्त 2019 से जून 2022 तक जम्मू और कश्मीर में 29 हजार 806 लोगों को प्राइवेट सेक्टर में जॉब मिले हैं. केंद्र सरकार की कई योजनाएं भी जम्मू और कश्मीर में चल रहीं हैं. सरकार के मुताबिक, अनुमान के तौर पर दोनों केंद्र शासित प्रदेशों में आर्टिकल 370 के रद्द किए जाने के बाद स्व-रोजगार योजनाओं से 5.2 लाख लोगों को कोई न कोई रोजगार मिला होगा. बता दें कि केंद्र सरकार ने जम्मू में और कश्मीर में अलग-अलग एम्स खोलने की मंजूरी दी है. 

राजनीतिक तस्वीर में कितना बदलाव?

नए परिसीमन के बाद जम्मू-कश्मीर में 90 विधानसभा सीटें होंगी. इनमें रियासी जिले में गठित नई सीटें श्री माता वैष्णो देवी और कटरा विधानसभा भी शामिल है. 114 सदस्यीय विधानसभा में फिलहाल 90 सीटों पर चुनाव होंगे, बाकी की 24 सीटें पाक के अवैध कब्जे वाले कश्मीर में हैं. जिन 90 विधानसभा सीटों पर चुनाव कराए जाएंगे, उनमें जम्मू में 43 और कश्मीर संभाग में 47 सीटें होंगी. कुल 90 सीटों में से 9 सीटें अनुसूचित जातियों (SC) और 7 अनुसूचित जनजातियों (ST) के लिए रिजर्व होगी. वहीं, लोकसभा की 5 में से 2 जम्मू संभाग, जबकि 2 सीटें कश्मीर संभाग में होंगी. एक अन्य सीट दोनों संभाग के साझा क्षेत्र की होगी. 

370 हटने के बाद केंद्र की 890 कानून लागू

जम्मू-कश्मीर में जब आर्टिकल 370 लागू था, तब केंद्र सरकार के कई कानून और योजनाएं वहां लागू नहीं होती थीं. अब आर्टिकल 370 के रद्द किए जाने के बाद जम्मू-कश्मीर में केंद्र के 890 कानून लागू हैं. इन कानूनों में बाल विवाह कानून, जमीन सुधार से जुड़े कानून और शिक्षा का अधिकार आदि शामिल हैं.