समाजवादी पार्टी के सांसद आर के चौधरी की एक चिट्ठी ने हंगामा मचा दिया है. आर के चौधरी ने लोकसभा के स्पीकर को लिखी चिट्ठी में मांग की है कि संसद में स्थापित किए गए सेंगोल को हटाया जाए और उसकी जगह पर भारतीय संविधान की प्रति स्थापित की जाए. उत्तर प्रदेश की मोहनलालगंज लोकसभा सीट से चुनाव जीतकर संसद पहुंचे आर के चौधरी की इस चिट्ठी के बाद अब भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) ने भी उन पर हमला बोला है. बीजेपी ने कहा है कि यह बयान समाजवादी पार्टी की मानसिकता दिखाता है. बीजेपी प्रवक्ता शहजाद पूनावाला ने कहा कि पहले इन लोगों ने रामचरितमानस को गाली दी और अब सेंगोल पर आ गए हैं. बताते चलें कि यह सेंगोल लोकसभा में स्पीकर की कुर्सी के ठीक बगल में स्थापित किया गया है.
दरअसल, देश में नई संसद का निर्माण किए जाने के बाद सेंगोल को यहां स्थापित किया गया था. साल 1947 में सत्ता जब भारत के हाथ आई थी तब यह यह राजदंड यानी सेंगोल पंडित जवाहरलाल नेहरू को एक रस्म की अदायगी के तौर पर दिया गया था. इसे इलाहाबाद में मौजूद म्यूजियम की नेहरू गैलरी में रखा गया था. प्राचीन काल में जब एक राजा दूसरे राजा या अपने उत्तराधिकारी को सत्ता सौंपता था तो यह सेंगोल उसे प्रतीकात्मक तौर पर सौंपा जाता था. मौजूदा संसद में स्थापित सेंगोल के ठीक ऊपर नंदी बैल की प्रतिमा बनी है.
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आर के चौधरी ने अपनी चिट्ठी में लिखा है, 'आज मैंने इस सम्मानित सदन में आपके समक्ष शफत ले ली कि मैं विधि द्वारा स्थापित भारत के संविधान के प्रति सच्ची श्रद्धा और निष्ठा रखूंगा लेकिन सदन में पीठ के ठीक दाहिने स्थापित सेंगोल देखकर मैं आश्चर्यचकित रह गया. महोदय, हमारा संविधान भारतीय लोकतंत्र का एक पवित्र ग्रंथ है जबकि सेंगोल अर्थात राजदंड राजतंत्र का प्रतीक है. हमारी संसद लोकतंत्र का मंदिर है किसी राजे-रजवाड़े का राज महल नहीं. मैं आपसे आग्रह करना चाहूंगका कि संसद भवन से सेंगोल हटाकर उसकी जगह भारतीय संविधान की विशालकाय प्रति स्थापित की जाए.'
#WATCH | On SP MP RK Chaudhary's 'Sengol' means 'Raja ka Danda' remark, BJP Spokesperson Shehzad Poonawalla says, "The Samajwadi Party has opposed Sengol in Parliament. It says that it is 'Raja ka Dand', if it was 'Raja ka Dand', why did Jawaharlal Nehru accept the Sengol? This… pic.twitter.com/gEB6Vyog7g
— ANI (@ANI) June 27, 2024
इस विवाद के बहाने समाजवादी पार्टी को घेरते हुए बीजेपी प्रवक्ता शहजाद पूनावाला ने कहा, 'सपा ने संसद में सेंगोल का विरोध किया है. सपा कहती है कि यह राजा का दंड है. अगर यह राजा का दंड था तो पंडित जवाहर लाल नेहरू ने सेंगोल को क्यों स्वीकार किया? यह समाजवादी पार्टी की मानसिकता दिखाता है. पहले इन लोगों ने रामचरित मानस पर हमला बोला, गालियां दीं और अब उस सेंगोल पर सवाल उठा रहे हैं जो भारतीय और तमिल संस्कृति का हिस्सा है.'
शहजाद पूनावाला ने आगे कहा, 'क्या डीएमके सेंगोल के इस अपमान का समर्थन करती है? उसे यह स्पष्ट करना चाहिए. सवाल यह है कि लंबे समय से सेंगोल को चलने वाली छड़ी के रूप में दिखाने की मानसिकता एक बार फिर से समाजवादी पार्टी के रूप में सामने आ गई है. ये लोग भारतीय सांस्कृति का सम्मान नहीं करते हैं, तमिल संस्कृति का सम्मान नहीं करते हैं और यही वजह है कि ये लोग सेंगोल का अपमान कर रहे हैं. डीएमके को इस मामले में एक स्टैंड लेना चाहिए.'