ISRO And SpaceX Collaboration: भारतीय अंतरिक्ष एजेंसी यानी इसरो इस साल फिर से नए इतिहास बनाने को तैयार है. इसरो ने इस साल एतिहासिक सफलता पाने के लिए स्पेस सेक्टर की नंबर वन कंपनी स्पेस एक्स से हाथ मिलाया है. ISRO इस साल की आखिरी तिमाही में अपने संचार सैटेलाइट GSAT-20 को स्पेस एक्स के साथ लॉन्च करने वाला है. बुधवार को इसकी घोषणा इसरो के कॉमर्शियल पार्टनर NSIL ने की है.
रिपोर्ट के मुताबिक, इसरो पहली बार अपने मिशन के लिए अमेरिकी अंतरिक्ष कंपनी स्पेस एक्स के फॉल्कन 9 हैवी लिफ्ट लॉन्चर का यूज करेगा. इसरो के इस मिशन को फॉल्कन 9 रॉकेट की मदद से अमेरिका के फ्लोरिडा से अंतरिक्ष में भेजा जाएगा.
जानकारी के मुताबिक, भारत के पास अपने 4 टन से भारी रॉकेटों को भू-स्थैथिक कक्षा में लॉन्च करने की क्षमता नहीं है. भारत इसलिए मस्क की कंपनी स्पेस एक्स की हेल्प ले रहा है. भारत इससे पहले फ्रांस की कंपनी पर निर्भर था.
इसरो के अध्यक्ष एस सोमनाथ ने कहा कि हमें स्पेसएक्स के पास जाना पड़ा. इसका कारण इस समय पर किसी अन्य रॉकेट की उपलब्धता का न होना था. स्पेसएक्स और इसरो के मध्य होने वाला यह करार काफी अहमियत रखता है. भारत के पास अभी तक भारी सैटेलाइट को लॉन्च करने के लिए फ्रांस की एरियनस्पेस कंसोर्टियम कंपनी पर ही निर्भरता थी.
इसरो की व्यापारिक साझेदार कंपनी न्यू स्पेस इंडिया लिमिटेड (NSIL) ने कहा कि वह जीसैट-20 सैटेलाइट का निर्माण कर रही है. यह सैटेलाइट दूरदराज के क्षेत्रों में अनिवार्य रूप से ब्रॉडबैंड इंटरनेट पहुंच प्रदान करेगा.इसका वजन 4700 किलोग्राम है जो लगभग 48 Gbps की क्षमता प्रदान करता है.