प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर कई बार आरोप लगते हैं कि वह सांप्रदायिक मुद्दों को हवा देते हैं. कुछ दिनों पहले जब उन्होंने कहा कि कांग्रेस पार्टी लोगों के गहने और संपत्तियां ले लेगी और उनको घुसपैठियों में बांट देगी तब भी कहा गया कि वह मुस्लिमों को घुसपैठिया बता रहे हैं. अब एक टीवी चैनल को दिए गए इंटरव्यू में नरेंद्र मोदी ने इस्लाम और मुसमलमानों से जुड़े सवाल पर जवाब दिया है. इस इंटरव्यू में पीएम मोदी ने कहा कि न तो वह इस्लाम के विरोधी है और न ही मुसलमान के विरोधी हैं. उन्होंने इसको भी कांग्रेस और पंडित नेहरू से जोड़कर कहा कि गाली देने की परंपरा पुराने समय से चलती आ रही है.
'लोकतंत्र खतरे में है' वाले आरोपों पर पीएम नरेंद्र मोदी ने टाइम्स नाउ नवभारत को दिए इस इंटरव्यू में कहा, 'हमारी रगों में डेमोक्रेसी है... आज तक हमारी सरकार पर एक दाग नहीं लगा है. फिर भी एक आदमी बिना एक शब्द बोले इतनी गालियां सह रहा है, इससे बड़ा डेमोक्रेसी का प्रूफ क्या हो सकता है?' मुस्लिमों के मुद्दे पर उन्होंने आगे कहा, 'मैं मुस्लिम समाज से कह रहा हूं, उनके पढ़े-लिखे लोगों से कहता हूं कि आप आत्ममंथन करिए, सोचिए. सरकार की योजनाओं का लाभ कांग्रेस की सरकार में आपको क्यों नहीं मिला?'
एक सवाल के जवाब में पीएम मोदी ने कहा, 'न हम इस्लाम के विरोधी हैं और न ही मुसलमान के विरोधी हैं. हमारा ये काम ही नहीं है. ये नेहरू के जमाने से एक नैरेटिव बना हुआ है, इस प्रकार की गाली देने का. पहले गाली देते थे क्योंकि ये कम मेहनत में ज्यादा मुनाफे वाला काम था. होता ये था कि गाली दे दो कि ये मुसलमानों के दुश्मन हैं तो आप अपने आप मुसलमानों के दोस्त बन जाते हो. कुछ किए बिना मुनाफा मिलता है.'
उन्होंने आगे कहा, 'इसीलिए उन्होंने भय का वातावरण बनाकर अपनी दुकान चलाए रखी. मुसलमान समाज अब समझ गया है. जब मैं तीन तलाक का कानून खत्म करता हूं तो मुस्लिम महिलाओं को लगता है कि यार ये तो जेनुइन आदमी है. मैं जब आयुष्मान कार्ड देता हूं, कोविड का वैक्सीन देता हूं तो उनको लगता है कि यार ये तो जेनुइन आदमी है. हमारे साथ तो कोई भेद ही नहीं है. अब इनकी परेशानी ये है कि इनका झूठ पकड़ा जाने लगा है इसलिए अब इनको ज्यादा भ्रम फैलाने के लिए बिना सिर-पैर का झूठ बोलना पड़ रहा है.'
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