menu-icon
India Daily

Iran Israel War: इजराइल-ईरान तनाव पर 'भारत की चुप्पी' सोनिया गांधी को नहीं आई रास, कहा- 'सरकार को मजबूती से बोलना चाहिए...'

सोनिया गांधी ने 21 जून 2025 को इजराइल-ईरान संघर्ष पर भारत सरकार की चुप्पी की कड़ी आलोचना की है. 'द हिंदू' में प्रकाशित अपने लेख 'अभी देर नहीं हुई' में उन्होंने कहा कि गाजा में इजराइल की कार्रवाइयों और अब ईरान पर हमलों पर भारत का मौन न केवल कूटनीतिक चूक है, बल्कि नैतिक मूल्यों से विचलन भी है.

auth-image
Edited By: Antima Pal
Iran Israel War
Courtesy: social media

Iran Israel War: कांग्रेस संसदीय दल की अध्यक्ष सोनिया गांधी ने 21 जून 2025 को इजराइल-ईरान संघर्ष पर भारत सरकार की चुप्पी की कड़ी आलोचना की है. 'द हिंदू' में प्रकाशित अपने लेख 'अभी देर नहीं हुई' में उन्होंने कहा कि गाजा में इजराइल की कार्रवाइयों और अब ईरान पर हमलों पर भारत का मौन न केवल कूटनीतिक चूक है, बल्कि नैतिक मूल्यों से विचलन भी है. सोनिया ने केंद्र सरकार से इस मुद्दे पर स्पष्ट और जिम्मेदारी भरा रुख अपनाने की मांग की.

इजराइल-ईरान तनाव पर 'भारत की चुप्पी' सोनिया गांधी को नहीं आई रास

सोनिया ने कहा कि भारत का इजराइल और ईरान दोनों के साथ मजबूत रिश्ता है. ईरान भारत का पुराना दोस्त रहा है और उसने 1994 में संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार आयोग में कश्मीर मुद्दे पर भारत का समर्थन किया था. उन्होंने कहा कि भारत की यह अनूठी स्थिति उसे पश्चिम एशिया में शांति के लिए मध्यस्थ की भूमिका निभाने का अवसर देती है. लाखों भारतीय पश्चिम एशिया में काम करते हैं, इसलिए वहां शांति भारत के राष्ट्रीय हित में है.

इजराइल के प्रधानमंत्री पर सोनिया गांधी ने लगाया ये आरोप

सोनिया ने इजराइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू पर शांति को कमजोर करने और उग्रवाद को बढ़ावा देने का आरोप लगाया. उन्होंने 13 जून 2025 को इजराइल के ईरान पर हमले को गैरकानूनी और खतरनाक बताया. साथ ही उन्होंने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की भी आलोचना की, जिन्होंने 17 जून को अपनी खुफिया प्रमुख तुलसी गबार्ड के बयान को खारिज करते हुए दावा किया कि ईरान परमाणु हथियार बनाने के करीब है. सोनिया ने इसे 'निराशाजनक' करार देते हुए कहा कि दुनिया को तथ्य-आधारित नेतृत्व की जरूरत है.

कूटनीतिक रास्ते अपनाने की अपील

सोनिया ने गाजा में इजराइल की कार्रवाइयों को 'अनुपातहीन' बताया, जहां 55,000 से अधिक फिलिस्तीनी मारे गए हैं. उन्होंने 7 अक्टूबर 2023 को हमास के हमलों की निंदा की, लेकिन इजराइल के जवाब को अस्वीकार्य ठहराया. उन्होंने कहा कि भारत को दो-राष्ट्र समाधान के अपने पुराने सिद्धांत पर कायम रहना चाहिए, जिसमें एक स्वतंत्र फिलिस्तीन और इजराइल का शांतिपूर्ण सह-अस्तित्व हो. सोनिया ने सरकार से तनाव कम करने और पश्चिम एशिया में शांति के लिए सभी कूटनीतिक रास्ते अपनाने की अपील की.