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India Daily

हनीट्रैप में फंसा नेवी का इंजीनियर, पाकिस्तानियों को भेज रहा था डिफेंस सीक्रेट्स, पुलिस ने किया गिरफ्तार

रक्षा कंपनी में काम करने वाले इंजीनियर रवि वर्मा को पाकिस्तान स्थित आतंकवादियों को संवेदनशील जानकारी साझा करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया है. यह घटना भारत-पाकिस्तान के बीच बढ़ते सैन्य तनाव के बीच सामने आई है.

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Edited By: Garima Singh
Indian Navy engineer Ravi Varma
Courtesy: x

Indian Navy engineer Ravi Varma: महाराष्ट्र में एक चौंकाने वाले खुलासे ने सुरक्षा एजेंसियों को हिलाकर रख दिया है. एक रक्षा कंपनी में काम करने वाले इंजीनियर रवि वर्मा को पाकिस्तान स्थित आतंकवादियों को संवेदनशील जानकारी साझा करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया है. यह घटना भारत-पाकिस्तान के बीच बढ़ते सैन्य तनाव के बीच सामने आई है, जिसने सुरक्षा चिंताओं को और गहरा कर दिया है. शुरुआती जांच के मुताबिक, रवि वर्मा को एक सुनियोजित हनीट्रैप ऑपरेशन में फंसाया गया. इस ऑपरेशन में दो महिला एजेंट्स, पायल शर्मा और इसहनीट्रैप में फंसा नेवी का इंजीनियर,  पाकिस्तानियों को भेज रहा था डिफेंस सीक्रेट्स, पुलिस ने किया गिरफ्तारप्रित, शामिल थीं. महाराष्ट्र एटीएस के मुताबिक, पायल शर्मा ने रवि वर्मा से कॉन्टैक्ट किया और दावा किया कि वह युद्धपोतों और पनडुब्बियों से संबंधित एक परियोजना पर काम कर रही है.

उसने वर्मा से तकनीकी सहायता मांगी और उनकी जिज्ञासा का फायदा उठाते हुए गोपनीय जानकारी हासिल की. पायल ने वर्मा से युद्धपोतों के स्वरूप और तकनीकी विवरणों के बारे में पूछताछ की. उसने चालाकी से वर्मा का विश्वास जीता और उन्हें संवेदनशील जानकारी साझा करने के लिए प्रेरित किया. वर्मा ने कथित तौर पर 14 युद्धपोतों और पनडुब्बियों से जुड़े गोपनीय विवरण पाकिस्तानी एजेंटों को दिए. 

जानकारी लीक करने का तरीका

नौसेना डॉकयार्ड में मोबाइल फोन के उपयोग पर सख्त प्रतिबंध होने के कारण, वर्मा ने युद्धपोतों और पनडुब्बियों की तकनीकी खामियों और अन्य विवरणों को याद किया. परिसर से बाहर निकलने के बाद, वह इन जानकारियों को अपने मोबाइल फोन पर रिकॉर्ड करता था या व्हाट्सएप के माध्यम से वॉयस नोट्स के रूप में एजेंट्स को भेज देता था. इस तरह, संवेदनशील जानकारी का रिसाव सुनियोजित तरीके से किया गया. 

हनीट्रैप: जासूसी का पुराना हथियार

हनीट्रैप जासूसी का एक जाना-माना तरीका है, जिसमें लक्ष्य को लुभाने के लिए उनकी भावनात्मक कमजोरियों का फायदा उठाया जाता है। रक्षा मंत्रालय की एक प्रेस विज्ञप्ति में कहा गया है, “सैन्यकर्मियों और उनके परिवारों को विदेशी खुफिया एजेंसियों द्वारा अपनाई जाने वाली रणनीति के तहत हनी ट्रैप के इस्तेमाल के बारे में नियमित रूप से जागरूक किया जाता है।” फिर भी, हाल के वर्षों में हनीट्रैप के मामले तेजी से बढ़े हैं, क्योंकि यह संवेदनशील जानकारी प्राप्त करने का एक प्रभावी तरीका साबित हुआ है।

भारत-पाक तनाव के बीच नया मोड़

यह घटना ऐसे समय में सामने आई है, जब भारत और पाकिस्तान के बीच सैन्य तनाव चरम पर है. 22 अप्रैल को पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले, जिसमें 26 लोगों की जान चली गई थी, और उसके बाद भारत की जवाबी कार्रवाई ‘ऑपरेशन सिंदूर’ ने दोनों देशों के बीच तनाव को और बढ़ा दिया है. इस संदर्भ में, रवि वर्मा का मामला राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए एक गंभीर खतरे के रूप में देखा जा रहा है. 

जांच में नए खुलासे की उम्मीद

महाराष्ट्र एटीएस इस मामले की गहन जांच कर रही है. अधिकारियों का मानना है कि इस हनीट्रैप ऑपरेशन में और भी लोग शामिल हो सकते हैं. जांच के दौरान यह पता लगाने का प्रयास किया जा रहा है कि कितनी और कौन-सी संवेदनशील जानकारी लीक हुई और इस नेटवर्क में अन्य कौन-कौन शामिल हैं?