चार दिनों में करीब एक हजार उड़ानें रद्द होने से देशभर में यात्रियों की परेशानी बढ़ गई है. इस अभूतपूर्व संकट के बाद केंद्र सरकार ने इंडिगो के संचालन में आई गड़बड़ियों की विस्तृत जांच का आदेश दिया है. नागरिक उड्डयन मंत्री राम मोहन नायडू ने कहा कि जांच यह पता लगाएगी कि इंडिगो में आखिर चूक कहां हुई और आगे ऐसी स्थिति न दोहराई जाए, इसके लिए जरूरी कदम सुझाएगी. डीजीसीए भी नेटवर्क स्थिर करने के तात्कालिक उपाय कर रहा है.
सरकार ने स्थिति को गंभीर मानते हुए कहा कि हजारों यात्रियों को हुई परेशानी अस्वीकार्य है. मंत्री ने स्पष्ट किया कि जांच में जिम्मेदारी तय की जाएगी और जरूरत पड़ने पर कार्रवाई भी होगी. मंत्रालय लगातार हालात पर नजर बनाए हुए है.
डीजीसीए ने संकट के कारणों की गहराई से जांच के लिए चार अधिकारियों की टीम गठित की है. इसमें संयुक्त महानिदेशक संजय के. ब्रह्मणे, उप महानिदेशक अमित गुप्ता, वरिष्ठ उड़ान संचालन निरीक्षक कैप्टन कपिल मंगलीक और निरीक्षक कैप्टन लोकेश रामपाल शामिल हैं.
चार दिनों में लगभग एक हजार उड़ानें रद्द होने से एयरपोर्ट्स पर अफरा-तफरी का माहौल बन गया. यह घटना इंडिगो के इतिहास की सबसे बड़ी परिचालन विफलताओं में से एक बताई जा रही है. डीजीसीए ने तुरंत नेटवर्क सामान्य करने के निर्देश जारी किए हैं.
क्रू प्रबंधन में लचीलापन लाने के लिए डीजीसीए ने कई महत्वपूर्ण नियमों को अस्थायी रूप से वापस लिया है. इसमें नाइट ड्यूटी, रात तक बढ़ने वाली शिफ्टों और पायलटों की अनिवार्य साप्ताहिक छुट्टी से जुड़े प्रावधान शामिल हैं, ताकि शेड्यूल बेहतर ढंग से संभाला जा सके.
डीजीसीए ने कहा है कि उड़ान शेड्यूल आधी रात तक सामान्य होना शुरू हो जाएगा और आने वाले कुछ दिनों में पूरा संचालन स्थिर हो सकता है. मंत्रालय ने इंडिगो सहित सभी एयरलाइंस को तुरंत सुधारात्मक कदम उठाने के निर्देश दिए हैं ताकि यात्रियों को राहत मिल सके.