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India Daily

'हमने नहीं बंद कराया रॉयटर्स का अकाउंट', भारत ने मस्क की कंपनी X के दावे का किया खंडन

भारत सरकार ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X द्वारा लगाए गए उस आरोप को सिरे से खारिज कर दिया है जिसमें कहा गया था कि केंद्र ने अंतरराष्ट्रीय मीडिया चैनलों जैसे रॉयटर्स और रॉयटर्स वर्ल्ड के अकाउंट्स को ब्लॉक करने का आदेश दिया था. सरकार का कहना है कि ऐसा कोई आदेश जारी नहीं किया गया और जब अकाउंट्स ब्लॉक हुए, तो तुरंत X को उन्हें अनब्लॉक करने का अनुरोध किया गया था, लेकिन X ने 21 घंटे की देरी से उन्हें बहाल किया.

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Edited By: Kuldeep Sharma
Elon Musk
Courtesy: web

सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X और भारत सरकार के बीच एक बार फिर टकराव की स्थिति बन गई है. मामला अंतरराष्ट्रीय समाचार एजेंसी रॉयटर्स के सोशल मीडिया अकाउंट्स को भारत में अस्थायी रूप से ब्लॉक किए जाने से जुड़ा है. X का दावा है कि भारत सरकार ने 2,355 अकाउंट्स को ब्लॉक करने का आदेश दिया था, जिनमें रॉयटर्स और रॉयटर्स वर्ल्ड के हैंडल भी शामिल थे. वहीं भारत सरकार ने इन दावों को पूरी तरह गलत और भ्रामक बताया है.

इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय ने स्पष्ट किया कि उसने रॉयटर्स जैसे किसी भी अंतरराष्ट्रीय मीडिया संगठन के अकाउंट्स को ब्लॉक करने का कोई नया आदेश जारी नहीं किया. जैसे ही इन अकाउंट्स के ब्लॉक होने की सूचना मिली, मंत्रालय ने X को तुरंत पत्र लिखकर उन्हें अनब्लॉक करने को कहा. मंत्रालय ने आरोप लगाया कि X ने तकनीकी प्रक्रियाओं का बहाना बनाकर जानबूझकर विलंब किया और अकाउंट्स को 21 घंटे बाद अनब्लॉक किया.

X का दावा और सरकार की प्रतिक्रिया

गौरतलब है कि X ने एक सार्वजनिक बयान में कहा था कि 3 जुलाई 2025 को भारत सरकार ने IT अधिनियम की धारा 69A के तहत 2,355 अकाउंट्स को ब्लॉक करने का आदेश दिया, जिनमें अंतरराष्ट्रीय मीडिया हैंडल्स भी शामिल थे. X ने यह भी जोड़ा कि भारत के कानूनों के चलते वह इन आदेशों के खिलाफ कोर्ट में चुनौती नहीं दे सकता, इसलिए प्रभावित यूज़र्स को खुद कानूनी रास्ता अपनाने की सलाह दी गई. इसके जवाब में भारत सरकार ने दो टूक कहा कि न तो ऐसा कोई आदेश दिया गया, और न ही ऐसी मंशा है.

ब्लॉकिंग पर उठे सवाल

सरकार ने X के उस कदम पर भी सवाल उठाया जिसमें उसने बिना किसी वैध आदेश के बड़े मीडिया संगठनों के अकाउंट्स को अस्थायी रूप से ब्लॉक कर दिया. मंत्रालय का कहना है कि उसने 5 जुलाई की रात से ही X से लगातार संपर्क साधा और हर घंटे फॉलोअप किया, लेकिन फिर भी X ने देर रात 6 जुलाई को 9 बजे के बाद ही उन अकाउंट्स को बहाल किया. सरकार ने इसे लापरवाही और भ्रामक सूचना फैलाने का प्रयास बताया है.