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India Daily

Exclusive: 'ऑपरेशन बॉर्डर' ने किया बांग्लादेशी साजिश का पर्दाफाश, बेनकाब हुए चंद पैसों की खातिर देश बेचने वाले

जब आपको पता चलेगा कि चंद पैसों की खातिर सीमा के रखवाले ही कुछ लोगों के साथ मिलकर बांग्लादेश के अवैध घुसपैठियों को देश में पनाह दे रहे हैं तो आपका दिमाग सुन्न पड़ जाएगा. ये हैरान कर देने वाला सच कभी सामने नहीं आता, लेकिन हमारी टीम ने जान जोखिम में डालकर इस पूरे स्टिंग ऑपरेशन को अंजाम दिया ताकि जल्द से जल्द पूरा सच देश के सामने आ सके.

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Edited By: Sagar Bhardwaj
operation border

Operation Border: आपने अभी तक यही सुना होगा कि पाकिस्तान भारत का दुश्मन नंबर-1 है लेकिन आज हम 'ऑपरेशन बॉर्डर' के जरिए एक ऐसे दुश्मन का खुलासा करने जा रहे हैं जिसके बारे में जानकर आपके पैरों तले जमीन खिसक जाएगी. जब आपको पता चलेगा कि चंद पैसों की खातिर सीमा के रखवाले ही कुछ लोगों के साथ मिलकर बांग्लादेश के अवैध घुसपैठियों को देश में पनाह दे रहे हैं तो आपका दिमाग सुन्न पड़ जाएगा. ये हैरान कर देने वाला सच कभी सामने नहीं आता, लेकिन हमारी टीम ने जान जोखिम में डालकर इस पूरे स्टिंग ऑपरेशन को अंजाम दिया ताकि जल्द से जल्द पूरा सच देश के सामने आ सके.

देश के खिलाफ रजी जा रही खौफनाक साजिश का ऐसे हुआ पर्दाफाश
देश की राजनीतिक गलियारों में पिछले कुछ समय से अवैध बंग्लादेशियों का मुद्दा सुर्खियों में रहा है...हमारी टीम भी ये जानना चाहती थी कि आखिर बांग्लादेशियों का मुद्दा इतना संवेदनशील क्यों है और क्या वकाई में ये देश के लिए खतरनाक हैं. ये सवाल लगातार हमारे दिमाग में घूम रहे थे और इनका जवाब ढूंढ़ने के लिए हमारी टीम लगातार कोशिश कर रही थी..इसी बीच हमारी टीम को जानकारी मिली कि देश के सीमाओं पर कुछ बड़ा खेल हो रहा है..जैसे ही ये जानकारी हमारे पास आई टीम तुरंत इसकी पड़ताल करने के लिए निकल गई...

हजारों किलोमीटर दूर से देश के खिलाफ साजिश
पैटरापॉल भारत और बांग्लादेश का बॉर्डर है. जान जोखिम में डालकर हमारी टीम पैटरपॉल बॉर्डर पहुंची तो पता चला कि यहां देश के खिलाफ साजिश का खुला खेल चल रहा था. बीएसएफ जिनके कंधे पर देश की सीमा को सुरक्षित करने की जिम्मेदारी है, उनकी नाक के नीचे भारत के खिलाफ षड्यंत्र रचा जा रहा था.

भारत बांग्लादेश की जमीनी सीमा 4097 किलोमीटर है....गृह मंत्रालय के अनुसार 2023 तक सीमा पर 3112 किलोमीटर तक फेंसिंग हो चुकी है. वहीं बॉर्डर के  985 किलोमीटर की सुरक्षा जिम्मेदारी बॉर्डर आउटपोस्ट करती है. भारत और बांग्लादेश की सीमाएं देश के पांच राज्यों से होकर गुजरती है और सबसे बड़ा बॉर्डर पश्चिम बंगाल का है जो 2217 किलोमीटर तक फैला है. इन दोनों के बीच 54 छोटी बड़ी नदियां हैं और यहीं से होता है साजिश का सबसे बड़ा खेल. दरअसल पश्चिम बंगाल का नॉर्थ चौबीस परगना का बनगांव वो इलाका है..जहां से साजिश की शुरूआत होती है.

देश के दुश्मन से हुई मुलाकात
यहां पहुंचने पर हमारी मुलाकात देश के उस दुश्मन से हुई जो दावा करता है कि वह किसी भी बांग्लादेशी को अवैध तरीके से बॉर्डर पार करा सकता है. .आपको यहां ये बताना जरूरी है बनगांव से पैटरापॉल बार्डर की दूरी महज तीन किलोमीटर है. इसलिए भारत के इन दुश्मनों के लिए ये जगह सबसे महफूज है. अपने मिशन में लगी हमारी टीम सबसे पहले यहां पहुंचती है और यहां पहुंचने के बाद हमारी मुलाकात एक ऐसे शख्स से होती है जिसकी पहचान एक होमियोपैथिक डॉक्टर के रूप मे है. लेकिन इसका रसूक बहुत बड़ा है नेता से लेकर पुलिस तक इसका सीधा संबंध है. ये बागदा ब्लॉक के टीएमसी अध्यक्ष पारितोष साहा का रिश्तेदार भी है. अब आप समझ सकते हैं ये क्या-क्या खेल करता होगा.... 

घुसपैठ कराने को लेकर हुई बात
इंडिया डेली के रिपोर्टर ने अपनी पहचान छुपाते हुए डॉक्टर उत्तम साहा से कहा, 'दादा, मेरे पास बहुत कम समय है.. मैं आपसे वही बात करूंगा जो मैंने फोन पर बात की थी.रिश्तेदारों को बांग्लादेश से तस्करी के जरिये लाना है.'

उत्तम- अगर आप पूरी बात नहीं बताएंगे तो मै समझ नहीं पाऊंगा.. तो चलिए बैठ कर बात करते हैं.

रिपोर्टर- हां.

और इसके बाद साहा ने भारत में अवैध बांग्लादेशी तस्करी के बारे में जो खुलासे किए उसे जानकर हमारे पैरों तले जमीन खिसक गई...

साहा-  मेरी जानकारी के मुताबिक पूरे भारत-बांग्लादेश सीमा पर तस्करी चल रही है और ये बहुत अच्छे ढंग से चल रही है...लोगों से लेकर सोना तक.. हर चीज की तस्करी की जा रही है लेकिन मैं व्यक्तिगत रूप से आपकी मदद नहीं कर पाऊंगा... लेकिन मैं आपको बता सकता हूं कि कौन क्या कर रहा है और कौन आपकी मदद कर सकता है.

रिपोर्टर -  किस जगह काम चल रहा है? 
उत्तम साहा- दत्तफुलिया रोनघाट इलाके में काम चल रहा है.  पहले कोटला नदी को पैदल चलकर पार किया जाता था...लेकिन अब वहां पानी है इसलिए इसे तैरकर या केले की नावों से पार करना पड़ेगा है...  मैंने आपके रिश्तेदार को लाने के लिए पहले ही किसी को बोल दिया है... उसका कहना है कि केले के बेड़े पर किसी महिला को पार कराना काफी खतरनाक है

रिपोर्टर -  तो फिर मुझे क्या करना चाहिए?
उत्तम साहा -  मेरे चैंबर के बगल वाले ऑफिस में बैठने वाले स्थानीय तृणमूल अध्यक्ष मेरे भाई हैं.  वह इस इलाके में की जाने वाली सभी अवैध गतिविधियों का मास्टरमाइंड है...  कई शिकायतों के बाद पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर लिया था... लेकिन बाद में बड़े अधिकारी उसे छुड़ा के घर ले आये. गांजा से लेकर सोना  सब कुछ उनके जरिये गुजरता है.. बीएसएफ भी उनके साथ मिलकर चलती है.

रिपोर्टर - अच्छा, उसका घर कहां है...मुझे उसका फोन नंबर दो 

 उत्तम साहा- एक व्यक्ति का नंबर दे रहा हूँ... और वो आपके रिश्तेदार को बांग्लादेश से लाएंगे...मेरा छोटा भाई परितोष साहा के लिए काम करता हैं...  उसका नाम जिया मंडल है...  उत्तम साहा अपने मोबाइल फोन से उसकी (अपने छोटे भाई) तस्वीर दिखाता है.

इसके बाद साहा क दलाल जिसका नाम जिया मंडल था उसको फोन किया और उससे मिलने के लिए कहा. उत्तम साहा के बताए एड्रेस पर हमारी टीम उससे मिलने के लिए निकल पड़ी. आधे रास्ते में जिया मंडल का एक आदमी हमें मिलता है और मोटरसाइकिल पर बैठकर जिया मंडल के पास ले जाता है. 

दलाल जिया मंडल से मुलाकात
इसके बाद हमारी मुलाकात दलाल जिया मंडल से होती है. मंडल से मिलकर हमारा रिपोर्टर कहता है-  दादा ने मुझे आपके पास भेजा था.... क्या आप बॉर्डर पार कराते  हैं? 

मंडल: हां, मैं क्रॉसिंग का काम करता हूं.  तुम मेरे ऑटो में बैठो और बात करो
रिपोर्टर- तो बताओ कैसे करना है ? 

पानी की वजह से रिस्क है
दलाल जिया ने कहा कि नदियों में फिलहाल पानी है और पानी में तैरते हुए केले के पेड़ पर बैठकर आना होगा इसलिए मैं अभी मैं किसी औरत को फिलहाल नहीं ला सकता हूं इसमें काफी रिस्क है. पानी सूखने दो मैं फिर इसे ले आऊंगा.

कितना खर्च आएगा

रिपोर्टर- तो केले के पेड़ के जरिये आने के अलावा कोई रास्ता नहीं तो कितना खर्च आएगा?

दलाल जियारुल मंडल:BSF को पैसे देकर उनसे सेटिंग करके बनगांव स्टेशन तक पहुंचाने तक की व्यवस्था है. देखिए जीआरपी में प्रति व्यक्ति 800 रुपये देने होंगे.  इसके अलावा चूंकि पुलिस की नज़र है..इसलिए हमें सेटिंग करनी होगी .