नई दिल्ली: फिट रहना हर कोई चाहता है, लेकिन इसे करने के तरीके हर इंसान के लिए अलग-अलग होते हैं. कुछ लोग जिम जाना पसंद करते हैं, कुछ योग करते हैं, जबकि कई लोग स्वस्थ रहने के लिए अपनी डाइट बदलने पर ध्यान देते हैं. 2025 में, लोगों ने अपनी फिटनेस बनाए रखने के कई तरीके अपनाए और कई फिटनेस ट्रेंड पूरे भारत में वायरल हो गए. यहां 2025 के सबसे पॉपुलर फिटनेस ट्रेंड्स पर एक विस्तृत नजर डाली गई है.
सबसे बड़े ट्रेंड्स में से एक था मोबाइल फिटनेस ऐप्स और स्मार्ट ट्रैकर्स. लोगों ने अपनी रोजाना की एक्टिविटीज, कदमों और बर्न हुई कैलोरी को ट्रैक करने के लिए स्मार्टवॉच, हार्ट रेट मॉनिटर और फिटनेस ट्रैकर्स जैसे डिवाइस का इस्तेमाल किया. ऑटोमेटेड अलर्ट और प्रोग्रेस ट्रैकिंग के साथ, कई लोगों ने पर्सनल ट्रेनर रखने के बजाय खुद ही अपनी फिटनेस मैनेज करना चुना. इस टेक-ड्रिवन तरीके से यूजर्स को मोटिवेटेड रहने और अपने रूटीन में रेगुलर रहने में मदद मिली.
कम खाने के रूटीन और बैलेंस्ड डाइट भी पॉपुलर हुए. सोशल मीडिया ने इसमें अहम भूमिका निभाई, जिसमें प्रोटीन से भरपूर स्नैक्स और हेल्दी खाने के आइडिया दिखाने वाली रील्स और पोस्ट ने लोगों के खाने की पसंद को प्रभावित किया. कई लोगों ने सिंपल, पौष्टिक डाइट अपनाई, जिसमें पोर्शन कंट्रोल और पोषक तत्वों के बैलेंस पर ध्यान दिया गया. छोटे, हेल्दी मील खाना बिजी शेड्यूल मैनेज करते हुए फिट रहने का एक आम तरीका बन गया.
आउटडोर एक्टिविटीज़ भी एक बड़ा ट्रेंड बन गईं. लोगों ने अपने रूटीन में आउटडोर वर्कआउट, योग, चलना, दौड़ना, हाइकिंग और यहां तक कि स्कीइंग को भी शामिल किया. ताजी हवा में एक्सरसाइज करने से न सिर्फ फिजिकल फिटनेस बेहतर हुई, बल्कि मेंटल हेल्थ भी बेहतर हुई. सुबह के सेशन खास तौर पर पॉपुलर हुए, क्योंकि सुबह के शुरुआती घंटे वर्कआउट और योग के लिए शांत और एनर्जेटिक माहौल देते थे.
ग्रुप ट्रेनिंग सेशन एक और ट्रेंड था जिसने ध्यान खींचा. दोस्तों या पार्टनर के साथ एक्सरसाइज करने से वर्कआउट ज्यादा मजेदार और मोटिवेटिंग हो गया. चाहे वह साथ में जिम क्लास अटेंड करना हो या परिवार के साथ घर पर वर्कआउट करना हो, ग्रुप एक्टिविटीज ने रेगुलर रहने और जिम्मेदारी की भावना को बढ़ावा दिया.
आखिर में, सुबह का वर्कआउट कई लोगों के लिए लाइफस्टाइल का हिस्सा बन गया. लोगों ने पाया कि दिन की शुरुआत एक्सरसाइज, योग या वॉक से करने से एनर्जी लेवल बढ़ता है, फोकस बेहतर होता है और रेगुलर फिटनेस शेड्यूल बनाए रखने में मदद मिलती है. सुबह के फिटनेस रूटीन ने धीरे-धीरे देर रात के वर्कआउट की जगह ले ली, जिससे दिन की शुरुआत में वेलनेस को प्राथमिकता मिली.