भारत और चीन के बीच बीते कुछ वर्षों से चला आ रहा तनाव अब कम होता दिख रहा है. इसी दिशा में एक अहम कदम उठाते हुए चीन के उप विदेश मंत्री सुन वेइदोंग इस सप्ताह भारत की यात्रा पर आ सकते हैं. मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, यह दौरा दोनों देशों के बीच इस साल की दूसरी उच्चस्तरीय कूटनीतिक यात्रा होगी. गौरतलब है कि जनवरी 2025 में भारत के विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने बीजिंग का दौरा किया था.
जिसमें दोनों पक्षों ने द्विपक्षीय संबंधों को फिर से सामान्य करने की प्रतिबद्धता जताई थी. अब सुन वेइदोंग की यात्रा उसी प्रक्रिया की अगली कड़ी मानी जा रही है.
पूर्वी लद्दाख में करीब 5 वर्षों से चल रहे सैन्य गतिरोध के समाधान की दिशा में हालिया प्रगति ने रिश्तों को थोड़ा सहज किया है. अब जब वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) पर कुछ इलाकों से सेनाएं हटाई जा चुकी हैं, तब यह दौरा काफी अहम माना जा रहा है. इससे पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और शी जिनपिंग की रूस में मुलाकात और फिर विशेष प्रतिनिधियों की सीमा वार्ता भी रिश्तों को पटरी पर लाने के प्रयासों का हिस्सा रही है.
सुन वेइदोंग की भारत यात्रा के दौरान राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल से उनकी मुलाकात तय मानी जा रही है. इसके अलावा, विदेश सचिव-उपमंत्री संवाद तंत्र के तहत औपचारिक बातचीत भी होगी. माना जा रहा है कि इस दौरान कैलाश मानसरोवर यात्रा को फिर से शुरू करने जैसे भारत के प्रमुख प्रस्तावों पर भी चर्चा होगी.
इस यात्रा को पीएम मोदी की संभावित चीन यात्रा की जमीन तैयार करने के रूप में भी देखा जा रहा है. यदि कूटनीतिक वार्ताएं सफल रहीं, तो यह दोनों देशों के संबंधों में एक सकारात्मक मोड़ साबित हो सकता है.