IIT BHU Gang Rape Case man who helped victim: वाराणसी के IIT BHU गैंगरेप केस में एक शख्स सामने आया है, जिसने वारदात वाले दिन पीड़ित छात्रा की मदद की थी. कहानी बयां करने वाला शख्स IIT BHU का ही छात्र है और वो इस मामले में गवाह भी है. एक निजी न्यूज चैनल से बातचीत में शख्स ने बताया कि वो घटनास्थल के पास ही बने हॉस्टल में वो रहता है. वारदात वाले दिन वो खाना खाकर हॉस्टल लौट रहा था, तभी एक लड़का उसके पास पहुंचा और छात्रा को गन प्वाइंट पर किडनैप किए जाने की जानकारी दी.
शख्स ने बताया कि छात्रा को किडनैप किए जाने की जानकारी देने वाला लड़का हमलोगों का जूनियर है. जिस वक्त तीनों आरोपियों ने गन प्वाइंट पर छात्रा को किडनैप किया, उस दौरान हमलोगों का जूनियर छात्रा के ही साथ था, लेकिन किसी तरह वो आरोपियों के कब्जे से भाग निकला. जूनियर की बातों को सुनने के बाद सबसे पहले हमने यूनिवर्सिटी के सिक्योरिटी को जानकारी दी. फिर मैं अपने जूनियर के साथ छात्रा को खोजने निकला. सबसे पहले हम उस इलाके में गए, जहां गन प्वाइंट पर छात्रा को किडनैप किया गया था.
शख्स के मुताबिक, जब हम घटनास्थल पर पहुंचे थे, थोड़ी दूरी पर अंधेरे में झाड़ियों में पीड़ित छात्रा छिपकर बैठी थी. वो काफी डरी-सहमी थी. छात्रा ने जो कुछ बताया, वो काफी दर्दनाक था. छात्रा के मिलने के बाद पुलिस को मामले की जानकारी दी गई.
बताया जा रहा है कि तीनों आरोपी छात्रा को जहां ले गए थे, वो इलाका सुनसान रहता है, वहां अंधेरा होने के बाद कोई आता-जाता नहीं. इससे पहले ये बात सामने आई थी कि आरोपियों ने गैंगरेप की वारदात को अंजाम देने के दौरान छात्रा का मोबाइल छीन लिया था, ताकि वो किसी को घटना की जानकारी न दे सके. वारदात के दौरान जब छात्रा ने विरोध जताया था और चिल्लाने की कोशिश की थी, तो आरोपियों ने उसे जान से मारने की धमकी देकर चुप करा दिया था.
वाराणसी हिंदू यूनिवर्सिटी ओपन कैंपस है. कोई भी, कभी भी आ-जा सकता है. हालांकि मुख्य गेट पर सुरक्षाकर्मी तैनात रहते हैं, लेकिन अक्सर ये नहीं पता चल पाता कि कौन कहां से आ रहा है, कहां जा रहा है. यानी सुरक्षाकर्मी भी कैंपस में आने वाले हर शख्स को न तो रोकते हैं और न ही उनकी कोई एंट्री होती है, जिससे ये पता चल सके कि कैंपस में आने वाला शख्स विजिटर है या फिर छात्र या फिर कोई स्थानीय शख्स.
छात्रा ने पुलिस को दिए बयान में बताया था कि बुलेट पर सवार तीनों आरोपी उसे गन प्वाइंट पर सुनसान इलाके में ले गए थे और वारदात को अंजाम दिया था. पीड़िता की शिकायत के बाद लंका थाने की पुलिस ने IPC की धारा 354-बी, 506 और 66 IT एक्ट के तहत मामला दर्ज किया था. बाद में गैंगरेप की जानकारी के बाद IPC की धारा 376-D और 509 को भी जोड़ा गया था.
वाराणसी पुलिस ने घटना के करीब दो महीने बाद वारदात में शामिल तीनों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया. तीनों आरोपियों की पहचान कुणाल पांडेय, अभिषेक चौहान और सक्षम पटेल के रूप में हुई है. तीनों आरोपियों को कोर्ट ने 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया है. उधर, तीनों आरोपियों की गिरफ्तारी के बाद सामने आया कि वे भाजपा आईटी सेल से जुड़े थे. इसके बाद भाजपा ने तीनों आरोपियों को पार्टी से बाहर का रास्ता दिखा दिया.