हाल ही में नेटफ्लिक्स पर आई वेबसीरीज IC-814 चर्चा में है. ये सीरीज कंधार विमान हाईजैक कांड पर आधारित है.24 दिसंबर 1999 को पाकिस्तान आतंकियों ने इंडियन एयरलाइंस के इस विमान को उस समय हाईजैक कर लिया था, जब ये काठमांडू से दिल्ली जा रहा था. विमान में क्रू मेंबर्स समते 191 लोग सवार थे. 7 दिन बाद रिहाई की शर्त पर सहमति बनी और यात्रियों को 31 दिसंबर 1999 को छोड़ दिया गया. आतंकियों ने सरकार के सामने जो मांगे रखी थी, उसमें एक मांग यह थी कि छह महीने पहले दफनाए गए सज्जाद अफगानी शव उन्हें सौंपा जाए.
हालांकि सरकार ने इस मांग को पूरी करने से साफ इनकार कर दिया. दरअसल सज्जाद अफगानी जून 1999 में जम्मू में मारा गया था. बाद में अपहरणकर्ता मसूद अजहर समेत तीन आतंकियों को रिहा करने की शर्त पर मान गए थे. ये मांगे थी 36 आतंकवादियों को रिहा करना, 200 मिलियन डॉलर यानी 860 करोड़ रूपये और सज्जाद अफगानी का ताबूत सौंपा जाए.
इंडियन एयरलाइंस की फ्लाइट IC-814 हाईजैक होने के बाद अफगानिस्तान के कंधार पहुंच गई थी. वहां यात्रियों से बंधक बनाकर रखा गया. 27 दिसंबर को बातचीत के लिए भारत सरकार का प्रतिनिधिमंडल भी कंधार पहुंचा.बातचीत के दौरान अपहरणकर्ताओं ने भारतीय दूतों के पास अपनी मांगे भेजी. इस दौरान विमान से फेंके गए कागज के टुकड़े पर लिखा था, हमें सीधे जवाब चाहिए. इसका मतलब आतंकियों का कहना था कि वे यात्रियों को तभी रिहा किया जाएगा जब उनकी मांगे पूरी कर दी जाएगी.
नेटफ्लिक्स पर अनुभव सिन्हा निर्देशित आईसी 814 द कंधार हाईजैक, वेब सीरीज में नसीरुद्दीन शाह, विजय वर्मा और पंकज कपूर मुख्य भूमिका में है. यह सीरीज कैप्टन देवी शरण की साल 2000 में पब्लिश किताब, फ्लाइट इनटू फीयर के कंटेंट पर लिखी गई है. अपहरणकर्ताओं ने कंधार स्थित एयर ट्रैफिक कंट्रोलर द्वारा उपलब्ध कराए गए वाकी टाकी के जरिए भारत सरकार के प्रतिनिधियों से बात की थी आतंकियों ने विमान के वीएचएस सेट का इस्तेमाल किया था.
ताबूत की मांग ने तालिबान के कट्टरपंथियों की शातिराना चाल को सामने ला दिया था. हालांकि भारत सरकार ने अपहरणकर्ताओं पर दबाव डाला कि वे अपनी मांगे वापस ले लें. तालिबान की सुप्रीम काउंसिल शूरा ने इसमें हस्तक्षेप किया और एक बैठक की. अंत में यह निष्कर्ष निकला कि अपहरणकर्ताओं की पैसे की मांग करना गैर-इस्लामिक है और यह मांग नहीं उठानी चाहिए.
एक समय ऐसा आया कि दोनों पक्षों के बीच बात नहीं बनती दिखी. अंत में तालिबान नेताओं ने कहा, अगर सहमति नहीं बनती है तो अपहरणकर्ताओं को कंधार से बाहर जाने के लिए कहा गया. उसके बाद आतंकियों के तेवर ढीले पड़े और शुरुआती मांगों में अधिकांश को वापस ले लिया और भारत ने अंतिम में IC-814 के सभी यात्रियों के बदले तीन आतंकवादियों को सौंप दिया गया. यह सब कंधार एयरपोर्ट पर लंबी बातचीत के बाद संभव हुआ था.
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