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गुजरात में मूसलाधार बारिश ने मचाई तबाही, 48 घंटों में 22 लोगों की मौत, NDRF ने चलाया बचाव अभियान

Gujarat Floods: 17 जून 2025 को सुबह एक दुखद हादसे में नौ यात्रियों को ले जा रही एक ईको कार तेज नदी के बहाव में बह गई. NDRF के इंस्पेक्टर विनय कुमार भाटी ने बताया कि चार लोगों की मौत हो चुकी है, तीन लापता हैं, और दो को बचा लिया गया है.

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Edited By: Babli Rautela
Gujarat Floods
Courtesy: Social Media

Gujarat Floods: गुजरात के बोटाद जिले में 17 जून 2025 को सुबह एक दुखद हादसे में नौ यात्रियों को ले जा रही एक ईको कार तेज नदी के बहाव में बह गई. NDRF के इंस्पेक्टर विनय कुमार भाटी ने बताया कि चार लोगों की मौत हो चुकी है, तीन लापता हैं, और दो को बचा लिया गया है. यह कार संभवतः साझा टेंपो के रूप में काम कर रही थी. NDRF की छठी बटालियन ने तलाशी अभियान शुरू किया, जो अभी भी जारी है. भाटी ने बताया कि भारी जलभराव और अवरुद्ध सड़कों के कारण बोटाद पहुंचने में चुनौतियां आईं, लेकिन जिला प्रशासन की मदद से रात 7:30 से 11:30 तक बचाव कार्य किया गया.

पिछले 48 घंटों में मूसलाधार बारिश ने गुजरात में भारी तबाही मचाई, जिसमें 22 लोगों की मौत हुई. सौराष्ट्र और दक्षिण गुजरात के जिले, खासकर बोटाद और अमरेली, सबसे ज्यादा प्रभावित हैं. बोटाद में 16-17 जून को 247 मिमी बारिश दर्ज की गई, जिससे खंभाडा बांध के गेट खोलने पड़े. इससे गडगडा रोड बंद हो गई और गढडा के शहरी-ग्रामीण क्षेत्रों में बाढ़ आ गई. अमरेली में भी पांच डैम उफान पर हैं, और 24 मजदूरों सहित कई लोगों को IAF हेलिकॉप्टर और कोस्ट गार्ड की मदद से बचाया गया.

NDRF और SDRF का बचाव अभियान

NDRF की 12 टीमें और SDRF की 20 टीमें वडोदरा, राजकोट, सूरत, कच्छ, जूनागढ़, अमरेली, भावनगर, और दूसरे जिलों में तैनात हैं. अमरेली में पांच प्रवासी किसानों को बाढ़ग्रस्त खेत से बचाया गया. बोटाद के बरवाला तालुका से 40 लोगों को सुरक्षित निकाला गया. मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल ने 25 जिलों के कलेक्टरों के साथ समीक्षा बैठक की और जान-माल की सुरक्षा को प्राथमिकता देने का निर्देश दिया.

भारत मौसम विज्ञान विभाग (IMD) ने बोटाद, भावनगर, अमरेली, सूरत, राजकोट, जूनागढ़, और अन्य जिलों के लिए रेड अलर्ट जारी किया है, जिसमें अगले चार दिनों तक भारी से अति भारी बारिश की चेतावनी दी गई है. बोटाद के बरवाला तालुका में 12 घंटों में 178 मिमी बारिश दर्ज हुई. सौराष्ट्र और दक्षिण गुजरात में नदियां और 140 डैम खतरे के निशान से ऊपर बह रहे हैं.

प्रभाव और राहत कार्य

बोटाद और अमरेली में सड़कें और रेलवे ट्रैक जलमग्न हैं, जिससे यातायात ठप है. भावनगर में स्कूल बंद कर दिए गए हैं. खंभाडा बांध के गेट खुलने से निचले इलाकों में खतरा बढ़ गया है. PM नरेंद्र मोदी ने CM पटेल से फोन पर बात कर राहत कार्यों का जायजा लिया और केंद्र से हरसंभव मदद का आश्वासन दिया. अब तक 8,500 लोग सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाए गए हैं.